पाक सेना के खिलाफ गुलाम कश्मीर के लोगों की दो टूक - अब आतंकवाद की आग में बच्चों को नहीं झोंकेंगे
माहौल की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 5 फरवरी को ही मुजफ्फराबाद पहुंचे और छह को मीरपुर कोटली का दौरा किया।
राजौरी, गगन कोहली। पाकिस्तानी सेना, आतंकी संगठनों व पाक की खुफिया एजेंसी के जुल्म के खिलाफ गुलाम कश्मीर के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। दो दिन से गुलाम कश्मीर में पाक से आजादी की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। इन प्रदर्शनकारियों की आवाज को दबाने के लिए पाक प्रधानमंत्री इमरान खान खुद गुलाम कश्मीर पहुंच गए हैं। हालात यह हैं कि बच्चे अब आजादी के लिए दुआ कर रहे हैं और आमजन आजादी की मांग पर सड़कों पर उतरे हैं।
नियंत्रण रेखा के पार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि 5 फरवरी को गुलाम कश्मीर में कश्मीर दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में उड़ी, मुजफ्फराबाद, मीरपुर, कोटली, समानी, निकेयाल क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतर आए और पाकिस्तान के आतंक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। लोग सड़कों पर डटे रहे। बृहस्पतिवार को भी यह प्रदर्शन जारी रहा।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पाक सरकार के इशारे पर पाक सेना, पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ साथ विभिन्न आतंकी संगठनों के नेता हमारे ऊपर जुल्म करते हैं। युवाओं को जबरन आतंक की आग में धकेला जा रहा है। हमने पहले ही अपने कई बच्चे इस आतंकवाद में खो दिए हैं। बस, अब और नहीं। हम पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं और इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। प्रदर्शनकारियों ने जमकर पाक सरकार के खिलाफ पाक प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।
माहौल की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 5 फरवरी को ही मुजफ्फराबाद पहुंचे और छह को मीरपुर कोटली का दौरा किया। पाक प्रधानमंत्री के इस दौरे का यहीं उद्देेश्य है कि गुलाम कश्मीर के लोगों की बुलंद आवाज को किसी तरह दबाया जा सके। इसके साथ साथ पूरा मीडिया प्रधानमंत्री को कवर करेगा और इनकी आवाज यही दब जाएंगी। इमरान खान की इस हरकत से लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया है और पाक के जुल्मों से आजादी तक सड़क पर डटे रहने का एलान किया है।