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Jammu Kashmir: भद्रवाह के Abdul Latif Ganie के सपनों के घर को देख PM Modi भी हो गए कायल

योजना के तहत उन्हें 1.66 लाख रुपये मिले। नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी ने घर बनाने में उनकी बहुत मदद की। पूरा नक्शा बनाने के अलावा उन्हें घर के निर्माण के बारे में बताया। शुरू से बच्चों ने झार के निर्माण में यू टयूब का भी सहारा लिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 11:13 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 03:03 PM (IST)
Jammu Kashmir: भद्रवाह के Abdul Latif Ganie के सपनों के घर को देख PM Modi भी हो गए कायल
एक कमरे में वे रहते थे और परिवार का पालन-पोषण करना भी मुश्किल हो रहा था।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: पंद्रह वर्ष से बिस्तर पर पड़े रहने वाले भद्रवाह के 65 साल के अब्दुल लतीफ गनई की सारी उम्मीदें टूट चुकी थी। एक कमरे में ही जिंदगी का डेढ़ दशक बिताने के दौरान उसे पता चला कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसका भी सपनों का घर बन सकता है। उसने न सिर्फ इस योजना का लाभ उठाकर घर बनाया बल्कि पूरे देया में मिसाल बन गया।

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अपने बच्चों की मदद से उसने योजना के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपना घर बनाकर देया के उन 88 लोगों में शामिल हुआ जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय अपवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने सम्मानित किया। अब्दुल लतीफ गनेई डोडा जिले के भद्रवाह के रहने वाले हैं। वह सिलाई का काम करते थे लेकिन डिस्क समस्या के कारण उनका उठना और चलना भी बंद हो गया। दो बच्चों किे पिता लतीफ को इससे काफी परेशानी हुई। एक कमरे में वे रहते थे और परिवार का पालन-पोषण करना भी मुश्किल हो रहा था।

बच्चे कई बार रहने के लिए अपने रिश्तेदारों के घरों में चले जाते थे। साल 2015 में लतीफ को प्रधानमंत्री आवास योजना का पता चला और उसका भी लाभार्थियों में नाम आ गया। लतीफ का कहना है कि बस यह योजना उनके लिए बरदान साबित हुई। बीमारी के कारण मैं अपना सब कुछ बेच चुका था। एक कमरे में ही बीबी और दो बच्चों के साथ रह रहा था। वह भद्रवाह के वार्ड नंबर दस के थारा मोहल्ले में रहते हैं। उसने बताया कि योजना के तहत उन्हें 1.66 लाख रुपये मिले। यह उनके लिए अहम थे।नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी ने घर बनाने में उनकी बहुत मदद की। पूरा नक्शा बनाने के अलावा उन्हें घर के निर्माण के बारे में बताया। शुरू से बच्चों ने झार के निर्माण में यू टयूब का भी सहारा लिया। अगर श्रमिक लगाते तो मेहनताना देना मुश्किल था।

घर के निर्माण में सभी ने सहारा दिया। इसमें समय जरूर लगा। लेकिन सभी के सहयोग और दिशा निर्देशों के तहत ही घर बनाया। जब घर बना रहे थे तो उस समय उन्हें यह मालूम नहीं था कि उन्हें पुरस्कार मिलेगा। लेकिन जिस तरह से अणिकारी कहते थे ओर उन्होंने योजना के नियम बताए थे, उसी केअनुसार निर्माण करते थे। घर ममें दो कमरे, रसाई और शौचालय है। अब पूरे परिवार ने यहां पर रहना भी शुरू कर दिया है। गनेई के दो बचचे हैं। बड़ा बेटा नदीम लतीफ हाल ही में इतिहास विषय में पीजी कर चुका है। पिता को प्रधानमंत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ निर्माण कार्य का पुरस्कार मिलने के बाद वह भी उत्साहित है। उसका कहना है कि उन्होंने बहुत ही मुश्किल समय देखा है।

एक ही कमरे में पूरा परिवार रहता था। कई बार उन्हें दोस्तों के घर या फिर रिश्तेदारों के घरों में भी रहनला पड़ता था। आज हमारा अपना घर है। हम इससे उत्साहित हैं। इसके लिए परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया। गनेई के प्रयासों से भद्रवाह के प्रशासनिक अधिकारी भी उत्साहित हैं। भद्रवाह नगर समिति के कार्यकारी अणिकारी युसूफ उल उमर का कहना है कि गनेई ने योजना के तहत घर बनाया है। उसने यह बताया कि इतने कम रुपयों से भीअगर कोई चाहे तो घर का निर्माण कर सकता है। उसकी इमानदारी और मेहनत के लिए प्रधानमंत्री ने उन्हें सम्मानित किया है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।  


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