Move to Jagran APP

Mann Ki Baat : पीएम ने दिलाई लद्दाखी खुबानी को नई पहचान

द्रास के भीमवत गांव की तरह ही लद्दाख के अन्य कई जगहों पर भी मन की बात कार्यक्रम सुनने के लिए व्यवस्था की गई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 01:58 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 01:58 PM (IST)
Mann Ki Baat : पीएम ने दिलाई लद्दाखी खुबानी को नई पहचान
Mann Ki Baat : पीएम ने दिलाई लद्दाखी खुबानी को नई पहचान

जम्मू, राज्य ब्यूरो । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रविवार को मन की बात कार्यक्रम में लद्दाख में चुली के नाम से नाम से मशहूर खुबानी का जिक्र कर इस फल की पैदावार से खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे लद्दाखियों में नया जोश भर दिया।

loksabha election banner

कारगिल विजय दिवस पर द्रास के भीमवत गांव में रेडियो पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम सुनने के लिए इकट्ठे हुए कारगिल वासी चुली का जिक्र होने पर रविवार सुबह उत्साहित हुए। ऐसे में कारगिल वासियों ने चुली का जिक्र होने पर तालियां बजाकर स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को बताया कि लद्दाख में चुली कहे जाने वाली खुबानी किसी तरह से लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। लोग सोलर ड्रायर में चुली को सुबाकर इसे बाजार में बेचते हैंं।

द्रास के भीमवत गांव की तरह ही लद्दाख के अन्य कई जगहों पर भी मन की बात कार्यक्रम सुनने के लिए व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम सुनने के लिए आए लद्दाखियों ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम संबंधी हिदायतों का पूरी तरह से पालन किया। लद्दाख प्रशासन ने रविवार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लेह व कारगिल जिलों में लाकडाउन रखने का निर्देश दिया था। ऐसे में आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर कर लद्दाख में रविवार को सब कुछ बंद रहा। ऐसे में कई गांवों में लोगों ने एक साथ मन की बात कार्यक्रम सुनने की व्यवस्था की थी।

प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह से लद्दाख के गांवों में सौर्य उर्जा से खुबानी काे सुखाकर इससे तकदीर बदली जा रही है। इससे खुबानी की बागवानी करने वाले किसान खुश हुए। पहले लद्दाख में किसान चुली को बाग में हुी सुखाते थे। इससे सुखाने में अधिक समय लगने के साथ इसे साफ सुथरा रखना भी एक बड़ी चुनौती होता था। अब सोलर ड्रायर में चुली जल्द सूखने के साथ बिलकुल साफ होती है।

सुखाने के बाद लद्दाख की चुली देश भर के बाजार में करीब पांच सौ रूपये किलो तक बिकती है। इससे लद्दाख बागवानाें काे खुबानी की अच्छी कीमत मिल जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.