खुशखबरीः मकर सक्रांति पर होंगे श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा से दर्शन
मां वैष्णो देवी का पीछा करते हुए भैरव बाबा जब प्राचीन गुफा के समक्ष पहुंचा तो मां ने प्रारंभिक द्वार पर ही उसका वध किया था। यहां बाबा भैरव का शरीर शीला के रूम में विराजमान है।
राकेश शर्मा, कटड़ा। देश भर से मां वैष्णो देवी के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं कि इंतजार की घड़ियां अब समाप्त होने वाली है क्योंकि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड आगामी 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर मां वैष्णो देवी की पवित्र तथा प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोलने जा रहा है। जिसका श्रद्धालु बेसब्री से साल भर इंतजार करते रहते हैं। 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर मां वैष्णो देवी की तड़के होने वाली दिव्य आरती के उपरांत प्राचीन गुफा की मंत्रोंउच्चरणो के साथ विधिवत पूजा-अर्चना होगी और उसके बाद प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे ताकी देशभर से आने वाले श्रद्धालु प्राचीन गुफा से होकर मां वैष्णो देवी के अलौकिक दर्शन कर सकें। एस डी एम भवन नरेश कुमार ने कहा की मक्कर संक्रांति यानी 14 जनवरी को पूजा अर्चना के बाद मा वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक है प्राचीन गुफा
पौरोणिक कथाओं के अनुसार मां वैष्णो देवी का पीछा करते हुए भैरव बाबा जब प्राचीन गुफा के समक्ष पहुंचा तो मां वैष्णो देवी ने उसका वध किया था इस प्राचीन गुफा के प्रारंभिक द्वार पर जहां बाबा भैरव का शरीर शीला के रूम में विराजमान है तो वहीं धड़ भैरों घाटी विराजमान हैं ।जब भैरव बाबा ने मां वैष्णो देवी देवी से मुक्ति का वर मांगा तो मां वैष्णो देवी ने कहा कि जो भी श्रद्धालु इस प्राचीन गुफा से होकर मेरे दर्शन करेगा उसके कष्ट दूर होने के साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी तभी इस प्राचीन गुफा का पौराणिक महत्व है। और इस गुफा से होकर जाना हर एक श्रद्धालु का एक सपना रहता है कि कम से कम उसे एक बार इस गुफा से जाने का मौका मिले।
साल भर में कभी कभार ही खुलती है प्राचीन गुफा
मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा अपने आप में पवित्रता का महत्व समेटे हुए हैं। हालांकि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के गठन से पहले यानी वर्ष 1986 से पहले इसी प्राचीन गुफा से श्रद्धालु मां के दर्शन को जाते थे पर उसे समय साल भर में मात्र 13 से 14 लाख श्रद्धालु ही आते थे ।पर श्राइन बोर्ड के गठन के उपरांत साल दर साल मां वैष्णो देवी की यात्रा में बढ़ोतरी होती रही और वर्तमान में 80 साल 85 लाख से ऊपर श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शनों को भवन पहुंचते हैं ।यानी प्रतिदिन करीब 25000 श्रद्धालु मां के दरबार आते हैं। और सभी के लिए प्राचीन गुफा के द्वार खोल पाना संभव नहीं है क्योंकि पूरा दिन मात्र 4 से 5000 श्रद्धालु हुई इस गुफा से दर्शन कर पाते हैं ।इसलिए मजबूरन श्राइन बोर्ड को इस प्राचीन गुफा के द्वार अधिकांश बंद रखने पड़ते हैं पर जब जब भी यात्रा का आंकड़ा 10000 से नीचे प्रतिदिन होता है।तो श्राइन बोर्ड प्रशासन प्राचीन गुफा के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोलता है। हालांकि पारंपरिक तौर पर यह मौका मकर सक्रांति के साथ ही फरवरी माह में ही संभव हो पाता है। जिसको लेकर श्रद्धालु इस प्राचीन गुफा के दर्शन को लेकर साल भर इंतजार करता है।
वैष्णो देवी यात्रा में आई कमी
नव वर्ष के बीत जाने के उपरांत वैष्णो की यात्रा में कमी शुरू हो गई है हालांकि बीते सप्ताह नववर्ष को लेकर जहां रोजाना आधार शिविर कटरा में 35 से 40000 श्रद्धालु आ रहे थे। वर्तमान में यह आंकड़ा गिरकर 19 से 22000 के मध्य रह गया है। आगामी कुछ दिन और मां वैष्णो देवी यात्रा में गिरावट जारी रहेगी क्युकि पारंपरिक तौर पर मकर सक्रांति तक वैष्णो देवी यात्रा में गिरावट देखी जाती है। इसके बाद गणतंत्र दिवस को लेकर जनवरी माह के दूसरे पखवाड़े में वैष्णो देवी यात्रा में बढ़ोतरी दर्ज होगी। ऐसा जानकारों का मानना है। वहीं बुधवार को सांय 6:00 बजे तक करीब 7000 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवाकर परिजनों के साथ वैष्णो देवी भवन की ओर रवाना हो चुके थे। वर्तमान में जारी मां वैष्णो देवी की यात्रा में कमी के चलते श्रद्धालुओं को आधार शिविर कटड़ा से चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा के साथी भवन मार्ग पर चलने वाली बैटरी कार सेवा तथा वैष्णो देवी मंदिर तथा भैरव घाटी के मध्य चलने वाली पैसेंजर केबल कार सेवा बिना किसी परेशानी के श्रद्धालुओं को उपलब्ध हो रही है। और श्रद्धालु इन सभी सुविधाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं।