Jammu: घगवाल अस्पताल में डॉक्टर्स के कमी, लोगों को हो रही काफी परेशानी
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अगले एक सप्ताह के भीतर अटैच किए हुए डॉक्टर घगवाल में पुन नियुक्त किए गए तो वह अपने सभी ब्लॉक के सरपंचों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
संवाद सहयोगी, सांबा : घगवाल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थनीय लोगों को छोटे से इलाज के लिए जिला अस्पताल सांबा या फिर जम्मू का रुख करना पड़ रहा है। उक्त बातें घगवाल के ब्लॉक विकास परिषद के चेयरमैन विजय टगोत्रा ने पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों के समक्ष रखी।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य विभाग ने घगवाल के ट्रामा अस्पताल को जिला प्रशासन ने कोरोना हॉस्पिटल बना दिया था। कोरोना की पहली लहर के दौरान उक्त हॉस्पिटल में रोजमर्रा की ओपीडी को बंद कर मात्र कोरोना के मरीजों की जांच और उनका उपचार होता रहा, जिसके चलते घगवाल सब डिवीजन की करीब 40 हजार की जनसंख्या को स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम होना पड़ा।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में घगवाल में जितने भी डॉक्टरों का वेतन निकलता है, वह सभी जिले के अन्य अस्पतालों में अटैच हैं। वहीं उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अगले एक सप्ताह के भीतर अटैच किए हुए डॉक्टर घगवाल में पुन: नियुक्त किए गए तो वह अपने सभी ब्लॉक के सरपंचों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
वे नहीं चाहते कि उनके ब्लॉक की 40 हजार जनता स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम रहे। वहीं इस बाबत साबा जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय तुर्की ने बताया कि करीब दो साल पहले हड्डियों के विशेषज्ञ को रामगढ़ अस्पताल में अटैच कर दिया था, जिसको हमने अभी तत्काल वापस घगवाल के ट्रॉमा अस्पताल में बुला लिया है।
विशेषज्ञ जम्मू में एक अस्पताल में अटैच है, जिसके लिए हम निदेशक जम्मू से बात करेंगे, उन्हें भी जल्द ही वापस ज्वाइन करने के लिए कहा जाएगा।