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चार दिन से बिजली न मिलने से कनाल रोड पर टूटा सब्र का बांध, सड़कों पर उतर आए लोग

कनाल रोड के लोग सड़कों पर उतर आए और बिजली के लिए प्रदर्शन करने लगे। हालांकि प्रशासन ने सेना की मदद से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल कर चुका है लेकिन उन जगहों पर समस्या का समाधान नहीं हो रहा है जहां ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन खराब पड़े हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 11:26 AM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 11:26 AM (IST)
चार दिन से बिजली न मिलने से कनाल रोड पर टूटा सब्र का बांध, सड़कों पर उतर आए लोग
मंगलवार देर शाम तक जम्मू शहर में 40 प्रतिशत इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल हो चुकी थी।

जम्मू, जागरण संवाददाता : बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण चार दिन से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति रही। इसके चलते कनाल रोड के रहने वाले लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वे सड़कों पर उतर आए और बिजली के लिए प्रदर्शन करने लगे। हालांकि प्रशासन ने सेना की मदद से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल कर चुका है, लेकिन उन जगहों पर समस्या का समाधान नहीं हो रहा है, जहां ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन खराब पड़े हैं।

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मंगलवार देर शाम तक जम्मू शहर में 40 प्रतिशत इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल हो चुकी थी। 60 प्रतिशत इलाकों लोगों को कंपकपाती ठंड में राते गुजारने को मजबूर हैं। सेना और पॉवर ग्रिड के कर्मचारी केवल जम्मू के ग्रिड स्टेशनों और रिसिविंग स्टेशनों की मरम्मत कार्य में लगे हैं, जबकि खंभों या ट्रांसफार्मरों की मरम्मत या उनके ना बदले जाने से बिजली की आपूर्ति संभव नहीं हो पाई है। जम्मू शहर के कई इलाके मंगलवार की रात को भी अंधेरे में डूबे रहे। जम्मू के पुराना शहर पंजतीर्थी, राजतिलक रोड, पुरानी मंडी, रूप नगर, जानीपुर, नानक नगर, गंग्याल, ग्रेटर कैलाश छन्नी हिम्मत, सैनिक कालौनी, बड़ी ब्राह्मणा और उसके साथ लगते इलाकों में बिजली की आपूर्ति शुक्रवार देर रात से ठप पड़ी रही। जबकि जम्मू का कनाल रोड, सांइस कालेज, ज्यूल चौक, तलाब तिल्लो, बरनई आदि में बिजली की आपूर्ति ठप रही।

शहर के साइंस कालेज रोड पर सोमवार को लोगों के सब्र का बांध टूट गया और काफी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ठिठुरन के बीच सड़कों पर उतर आए। ये लोग बिजली की आपूर्ति की बहाली की मांग कर रहे थे। कनाल रोड और उसके साथ लगते ज्यूल चौक इलाके में बिजली की आपूर्ति बीते चार दिनों से ठप है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि बिजली से पेयजल सप्लाई भी संभव नहीं हो रही है। लोगों को अब कोयला और अंगीठी से ही घरों को गर्म रखना पड़ रहा है। प्रदर्शन में शामिल रविंद्र शर्मा का कहना है कि बिजली के वगैर जिंदा रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना जिंदगी मुश्किल हो गई है। टैंकरों के रेट भी 1300 रुपये का हो गए हैं। कितने दिन पेयजल की आपूर्ति टैंकरों से करवाएंगे।


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