Move to Jagran APP

गोलाबारी से बचने के लिए खुद बंकर बना रहे लोग

दो वर्ष पूर्व हुई गोलाबारी में मावा में काफी लोगों का नुकसान हुआ था। अब डर के मारे वह खुद अपना बंकर बनाने को मजबूर हो गए हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 04:13 PM (IST)
गोलाबारी से बचने के लिए खुद बंकर बना रहे लोग
गोलाबारी से बचने के लिए खुद बंकर बना रहे लोग

loksabha election banner
v style="text-align: justify;">सांबा, [संवाद सहयोगी]। चुनाव नजदीक आते ही नेता लोगों से लोक लुभावन वादे कर जीत जाते हैं, लेकिन उसके बाद जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। ऐसी ही स्थिति भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांव के लोगों की है।
कुछ वर्षो से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैकड़ों बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। छोटे-बड़े हथियारों के इस्तेमाल किए जाते हैं। अब तो पाकिस्तान ने मोर्टार शेल दागने शुरू कर दिए हैं, जिससे जानमाल का काफी नुकसान होता है। कई बार केंद्र व राज्य सरकार के मंत्रियों ने सीमा पर रहने वाले लोगों के लिए बंकर बनाने की बात कही, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सांबा में चाहे रामगढ़ सेक्टर हो या फिर सांबा सेक्टर, कई बेकसूर लोगों की जानें पाकिस्तानी गोलाबारी में चली गई है।
ऐसे में अगर इन गांव में बंकर होते तो शायद इन बेगुनाह लोगों की जान बच सकती थी। मावा कैंप निवासी कुलदीप सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से उनके क्षेत्र में कोई बंकर नहीं बनाया गया है। दो वर्ष पूर्व हुई गोलाबारी में मावा में काफी लोगों का नुकसान हुआ था। अब डर के मारे वह खुद अपना बंकर बनाने को मजबूर हो गए हैं। इसी तरह चचवाल,चलैयाड़ी सहित अन्य गांवों में भी लोगों का काफी नुकसान हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्रवासी विक्रम सिंह, संजय कुमार, आशुतोष शर्मा ने कहा कि चाहे राज्य सरकार हो या फिर केंद्र सरकार, उनके मंत्री केवल जनता के बीच आकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं लेकिन उनको अमलीजामा नहीं पहनाया जाता।
कम्युनिटी बंकर की हो चुकी निशानदेही
अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों के लिए जो कम्युनिटी बंकर बनाए जाने थे, उनकी निशानदेही हो चुकी है। अभी काम शुरू नहीं हुआ है। जल्द ही उनका काम शुरू हो जाएगा।
शीतल नंदा, डीसी 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.