Jammu: लोगों को करना होगा अस्पतालों पर विश्वास, इलाज के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं स्वास्थ्यकर्मी
अजीत कौर का कहना है कि जब भी कोई संक्रमित होता है तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर ऐसा लोग करें तो उन्हें बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 82 साल की महिला उनके वार्ड से स्वस्थ होकर घर गई।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना की दूसरी लहर ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। स्वास्थ्य कर्मी उनके इलाज के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। कई बार परिवार के सदस्यों की इससे देखभाल करनला मुश्किल हो जाता है।
जीएमसी जम्मू में सीनियर स्टाफ नर्स अजीत कौर ने भी कोरोना की इस महामारी के दौरान आई चुनौतियों पर अपने अनुभव सांझा किए। वह इस बात से निराश थी कि हर दिन बड़ी संख्या में मरीजों के ठीक होने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों को इसका श्रेय नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि स्वस्थ हो रहे मरीजों के बारे में जानकारी देने से लोगों का अस्पतालों पर विश्वास बढ़ता है।
अजीत कौर का कहना है कि जब भी कोई संक्रमित होता है तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर ऐसा लोग करें तो उन्हें बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 82 साल की महिला उनके वार्ड से स्वस्थ होकर घर गई। एक महिला जब स्वस्थ हुई तो वे सभी स्टाफ सदस्यों में चाकलेट बांट कर गई। उन्होने कहा कि दुख इस बात का है कि बहुत से युवाओं की जिंदगी चली गई। इसका सभी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
उन्होंने कहा कि अगर कोरोना को हराना है तो लोगों को टीकाकरण करवाना होगा और एसओपी कापालन करना होगा। अजीत कौर को हर दिन जीएमसी में आठ से 12 घंअे डयूटी देनी पड़ती है। जब घर जाती हूं तो प्रयास रहता है कि सभी के लिए खाना भी बनाया जाए। घर में भी मास्क पहने रखती हूं। अजीत कौर के दो बेटे हैं। उसका कहना है कि दोनों स्मार्ट फोन से आनलाइन पढ़ रहे हैं। वह उन्हें समय नहीं दे पा रही है।