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Kashmir: पीपुल्स कांफ्रेंस चेयरमैन सज्जाद लोन एक साल बाद नजदबंदी से रिहा, स्वयं ट्वीटर पर दी जानकारी

बीते एक साल में उनका यह पहला ट्वीट है इससे पहले उन्हाेंने पांच अगस्त 2019 को अंतिम ट्वीट कर अपनी गिरफ्तारी की जानकारी दी थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 03:29 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 03:52 PM (IST)
Kashmir: पीपुल्स कांफ्रेंस चेयरमैन सज्जाद लोन एक साल बाद नजदबंदी से रिहा, स्वयं ट्वीटर पर दी जानकारी
Kashmir: पीपुल्स कांफ्रेंस चेयरमैन सज्जाद लोन एक साल बाद नजदबंदी से रिहा, स्वयं ट्वीटर पर दी जानकारी

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के एक साल पूरा होने के पांच दिन पहले ही प्रशासन ने पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन और पूर्व समाज कल्याण मंत्री सज्जाद गनी लोन को नजरबंदी से मुक्त कर दिया। रिहाई की पुष्टि खुद सज्जाद गनी लोन ने अपने ट्वीटर हैंडल पर की। बीते एक साल में उनका यह पहला ट्वीट है, इससे पहले उन्हाेंने पांच अगस्त 2019 को अंतिम ट्वीट कर अपनी गिरफ्तारी की जानकारी दी थी। 

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सज्जाद गनी लोन की रिहाई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो सैफुद्​दीन सोज की कथित नजरबंदी और सर्वाेच्च न्यायालय में प्रदेश सरकार द्वारा उनके स्वतंत्र होने के किए गए दावे से पैदा हुए विवाद के बीच हुई है। इस बीच, नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेििटक पार्टी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने अलग-अलग टवीट कर सज्जाद गनी लोन की रिहाई का स्वागत करते हुए अन्य सभी नेताओं की जल्द रिहाई की उम्मीद जतायी है।

भाजपा के सहयोगी रहे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को भी जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के मद्देनजर एहतियातन हिरासत में लिया था। प्रदेश प्रशासन ने सज्जाद गनी लोन, डॉ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा की सियासत से जुड़े करीब एक हजार नेताओं व कार्यकर्ताओं को एहितयातन हिरासत में लिया था। सिर्फ भाजपा के नेता ही गिरफ्तारी से बचे रहे। हालात में बेहतरी के आधार पर प्रशासन ने हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई का क्रम बीते साल सितंबर माह में ही शुरु कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना बड़ा भाई बताने वाले सज्जाद गनी लोन को फरवरी में प्रशासन ने पूरक जेल एमएलए हॉस्टल, श्रीनगर से रिहा कर दिया था। उसके बाद सज्जाद गनी लोन को चर्च लेन स्थित उनके सरकारी निवासर में नजरबंद रखा गया। उनके कहीं भी आने जाने या उनसे किसी के मिलने पर पाबंदी रही। सिर्फ करीब रिश्तेदार और परिजन ही उनसे मिल सकते थे।

सज्जाद गनी लोन ने पांच अगस्त 2019 को अपने ट्वीटर हैंडल पर जो अंतिम ट्वीट किया था, उसमें उन्होंने लिखा था कि पहली बार दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद 1990 में श्रीनगर में हिरासत में लिया गया। उस समय हिरासती केंद्र बहुत कठोर होते थे। अब पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं को भी पकड़ रही है। मेरी उनसे गुजारिश है कि वह संयम बनाए रखें।

आज अचानक ही प्रदेश प्रशासन ने सज्जाद गनी लोन को रिहा कर दिया। उन पर लगी तमाम बंदिशों को हटा लिया गया। सज्जाद गनी लोन ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा अंतत: एक साल पूरा होने से पांच दिन पहले ही मुझे आज अधिकारिक तौर पर सूचित किया गया कि मैं एक स्वतंत्र नागरिक हूं। बीते एक साल में बहुत कुछ बदल गया है, मैं भी। जेल मेरे लिए कोई नयी बात नहीं थी। इससे पहले जो जेलें थी, वह काफी कठोर होती थी, वहां शारीरिक यातनाएं भी होती थी। लेकिन यह मानसिक रुप से परेशान करने वाली थी। जल्द ही आप लोगों के साथ बहुत कुछ साझा करूंगा।

वहीं उमर अब्दुल्ला ने सज्जाद गनी लोन की रिहाई का स्वागत करते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा यह जानकर अच्छा लगा कि सज्जाद लोन अवैध नजरबंदी से मुक्त हो गए हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि अन्य सभी नेता जो अवैध हिरासत में हैं, या नजरबंद रखे गए हैं, जल्द रिहा होंगे।

पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने भी अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, मुबारक हो। यह वह कैद थी, जिसमें मुकद्दमा अथवा सुनवाई रिहाई के बाद ही शुरू होती है। आपके साथ एक लंबा अर्सा गुजारने का मौका मिला। एक दूसरे को जानने का मौका मिला। यह भी समझ आया कि किसी भी जगह दो कश्मीरियों को आपस में लड़ने की जरुरत नहीं हैं। ऐसी लड़ाई में जीत का कोई इनाम नहीं होगा।


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