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चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव, नारेबाजी

जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग के निजीकरण के आदेश के खिलाफ एकजुट हुए कर्मचारियो

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 10:20 PM (IST)
चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव, नारेबाजी
चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव, नारेबाजी

जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग के निजीकरण के आदेश के खिलाफ एकजुट हुए कर्मचारियों ने सोमवार को चीफ इंजीनियर कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल थीं।

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कर्मचारियों का कहना था कि वे सुधार के हक में हैं, लेकिन हितों की अनदेखी मंजूर नहीं है। सरकारी आदेश को अमल में लाने से पहले कर्मचारियों से बातचीत की जाए ताकि दुविधाएं दूर हो सकें।

ऑल जेएंडके पावर इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले सभी कर्मचारियों ने सरकार को विचार करने के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि यदि वे फैसला नहीं लेते हैं तो शनिवार को यूनियन आंदोलन की घोषणा करेगी।

प्रदर्शन में जेकेईईजीए के हर¨वद्र ¨सह, पीपीईयू के संजीव बाली, डीईए के प्रधान जयपाल शर्मा, पीडीईयू के प्रधान पीसी शर्मा, कनवीनर फोरम ऑफ इंजीनियर्स प्रधान सचिन टिक्कू, ड्राफ्टसमैन एसोसिएशन के प्रधान बलबीर ¨सह व सेंट्रल नान गजटेड यूनियन के गुरमीत ¨सह सहित अन्य शामिल थे।

संजीव बाली ने कहा कि 11 सितंबर को सरकार ने एसआरओ-396 जारी कर पीडीडी की जगह ट्रेडको गठन की घोषणा कर दी, जिसमें कर्मचारियों की जिम्मेदारी और उनके अधिकारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इंजीनियरों और कर्मचारियों में इसको लेकर संशय है। पीसी शर्मा ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजना डीडीयूजीवाई, आइपीडीएस, पीएमडीपी व आइटी को लागू करने के लिए अधिकारी से लेकर कर्मचारी पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। 100 फीसद इलेक्ट्रानिक मीट¨रग का लक्ष्य हासिल करने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉस जो वर्ष 2011 में करीब 62 फीसद था, जो वर्ष 2016-17 में करीब 42 फीसद पहुंच गए हैं।

ऐसे में सरकार का यह तजुर्बा कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ रहा है। हाल ही में सरकार ने कमर्शियल एंड सर्वे ¨वग से इंजीनियर व कर्मचारियों का स्थानांतरण ट्रेडको में कर दिया है। इन अधिकारियों व कर्मचारियों को क्या काम करना होगा, अभी तक उन्हें पता नहीं है। प्रदर्शन में शामिल इंजीनियरों ने कहा कि वे सुधार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन नई व्यवस्था में कर्मचारियों के हक और सुविधाएं क्या होंगी। यह भी स्पष्ट किए जाएं। एसोसिएशन ने कहा कि यूनियन ने शुक्रवार को बैठक बुलाई है। इस बीच यदि सरकार कोई फैसला नहीं लेती है तो शनिवार को आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी।

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कमिश्नर सेक्रेटरी से

मिलेंगे यूनियन पदाधिकारी

भगवती नगर स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय में धरने पर बैठे पीडीडी कर्मचारियों व इंजीनियरों को बातचीत के लिए कमिश्नर सेक्रेटरी पावर हृदयेश कुमार ¨सह ने शनिवार को अपने कार्यालय में बुलाया। पीडीडी इंप्लाइज यूनियन के प्रधान तरुण गुप्ता ने बताया कि कमिश्नर सेक्रेटरी कार्यालय से उन्हें फोन पर यह सूचना मिली कि उन्हें बातचीत के लिए शनिवार को सचिवालय बुलाया गया है। यूनियन के कुछ चयनित पदाधिकारी पीडीडी इंजीनियर से बातचीत करने के लिए जाएंगे। बैठक में कर्मचारियों व इंजीनियरों के अधिकारों पर चर्चा होगी।


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