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साइबर अटैकर्स का पता लगाने के लिए एक्सपर्टस की मदद लेगा पीडीसी श्रीनगर

कश्मीर में श्रीनगर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड (एसपीडीसीएल) के डेटाबेस सर्वर पर हमला करने वाले साइबर अटैकर्स अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। एसपीडीसीएल के अधिकारियों ने इन साइबर अटैकर्स का पता लगाने के लिए एक्सपर्टस की मदद लेने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 01:30 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 06:14 AM (IST)
साइबर अटैकर्स का पता लगाने के लिए एक्सपर्टस की मदद लेगा पीडीसी श्रीनगर
साइबर अटैकर्स का पता लगाने के लिए एक्सपर्टस की मदद लेगा पीडीसी श्रीनगर

जागरण संवाददाता, जम्मू :

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कश्मीर में श्रीनगर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड (एसपीडीसीएल) के डेटाबेस सर्वर पर हमला करने वाले साइबर अटैकर्स अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। एसपीडीसीएल के अधिकारियों ने इन साइबर अटैकर्स का पता लगाने के लिए एक्सपर्टस की मदद लेने का निर्णय लिया है। दो से तीन दिनों के भीतर दिल्ली से साइबर हैकर्स एक्सपर्टस की टीम श्रीनगर पहुंच रही है। फिलहाल निगम ने सभी सरवर को बंद रखा है। श्रीनगर एसपीडीसीएल के चीफ इंजीनियर एजाज अहमद डार ने कहा कि उनके डेटाबेस सर्वर सेंटर में 55 के करीब सरवर हैं, जिनमें से चार पर यह रैंसमवेयर साइबर हमला हुआ है। इससे उनके डाटे को नुकसान पहुंचा है परंतु विभाग के पास इसका बैकअप मौजूद है।

सरवर को इसलिए बंद रखा गया है ताकि उसे शुरू करने पर यह वायरस अन्य सरवर को नुकसान न पहुंचाए। सरवर रिक्वर होने तक ऑनलाइन सुविधा जैसे बिल साहुलियत भी काम नहीं करेगी। एजाज ने कहा कि लोगों को इस असुविधा का सामना लंबे समय तक नहीं करना पड़ेगा। सरवर को रिक्वर कर लिया जाएगा और जल्द ही सभी सुविधाएं शुरू हो जाएंगी।

आपको जानकारी हो कि विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह साइबर हमला गत बुधवार 24 जून की सुबह पौने पांच बजे के करीब हुआ था। डेटाबेस सर्वर की निगरानी कर रहे इंजीनियरों के अनुसार यह रैंसमवेयर साइबर हमला था। वायरस ने करीब चार सरवर को लॉक कर दिया था। सरवर रूम में मौजूद इंजीनियरों ने इसे रोकने का प्रयास किया परंतु जब कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने पूरे सरवर को ही बंद कर दिया था। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड जम्मू और श्रीनगर का यह संयुक्त डेटाबेस सरवर वीप्रो कंपनी संभाल रही है।

इस डेटाबेस सेंटर में जम्मू-कश्मीर के बिजली उपभोक्ताओं और उनकी बिलिग से संबंधित सभी रिकार्ड मौजूद है। इस डेटाबेस सेंटर में

अधिकारी के अनुसार, संबंधित विभाग बिलिग विवरण संभालता है और ग्राहक रिकॉर्ड रखता है। इस डेटाबेस सेंटर में करीब 55 सरवर हैं। इंजीनियरों का कहना है कि यदि ये हैकर्स अपने मंसूबे में कामयाब हो जाते तो यह सारा रिकार्ड लॉक हो जाता। अभी भी बंद पड़े सरवरों को पूरी तरह से खोला नहीं गया है। सरवर आन करने पर यह वायरस पूरे सरवर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसीलिए एक्सपर्टस के आने तक इसे शुरू नहीं किया जा सकता। चीफ इंजीनियर एजाज अहमद ने कहा कि डाटा क्रप्ट हुआ है परंतु विभाग के पास इसका बैकअप मौजूद है। सरवर रिक्वर होते ही इसे पुन: रिलोड कर लिया जाएगा। जहां तक उपभोक्ताओं द्वारा बिल अदायगी से संबंधित जानकारी की बात है तो उसका बैकअप जेके बैंक के पास भी रहता है। सभी रिकार्ड सुरक्षित है। घबराने की कोई बात नहीं है। विभाग बस यह बात जानना चाहता है कि उनके डेटाबेस पर हमला करने वाले कौन थे और यह हमला किस देश से किया गया।

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