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कश्मीर में सामान्य स्थिति का दिखावा करना बंद करे सरकार : पनुन कश्मीर

पनुन कश्मीर के चेयरमैन डा अजय चुरंगु ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार तुष्टिकरण की सोच के बिना जम्मू.कश्मीर की स्थिति को समझे। जम्मू.कश्मीर में जो हो रहा है वह कानून व्यवस्था की समस्या नहीं है। यह केवल आतंकवाद की समस्या नहीं है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 08:03 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 08:03 AM (IST)
कश्मीर में सामान्य स्थिति का दिखावा करना बंद करे सरकार : पनुन कश्मीर
स्थिति की गंभीरता को कम करना पहले ही देश को बहुत महंगा पड़ चुका है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के संगठन पनुन कश्मीर ने शनिवार को कहा कि सामान्य स्थिति का दिखावा करना और घाटी में स्थिति की गंभीरता को कम करके आंकना आत्महत्या के रास्ते पर चलने जैसा होगा। उन्होंने सभी विस्थापित हिंदुओं के स्थायी पुनर्वास और क्षेत्र में शांति के लिए जम्मू को अलग करने के अलावा झेलम नदी के उत्तर और पूर्व में विस्थापित पंडितों के लिए होमलैंड बनाने की मांग को दोहराया।इस महीने घाटी में आतंकवादियों ने अलग-अलग घटनाओं में दो शिक्षकोंए एक कश्मीरी पंडित फार्मेसी मालिक और पांच गैर स्थानीय मजदूरों सहित ग्यारह लोगों को मारा है।

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पनुन कश्मीर के चेयरमैन डा अजय चुरंगु ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार तुष्टिकरण की सोच के बिना जम्मू.कश्मीर की स्थिति को समझे। जम्मू.कश्मीर में जो हो रहा है, वह कानून व्यवस्था की समस्या नहीं है। यह केवल आतंकवाद की समस्या नहीं है।उन्होंने दावा किया कि जो कुछ भी हो रहा है वह जिहाद है।

पाकिस्तान को भी आतंकी देश घोषित करने की मांग 

उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति का ढोंग करना और स्थिति की गंभीरता को कम करना पहले ही देश को बहुत महंगा पड़ चुका है। अब ऐसा नहीं होना चाहिए। घाटी में रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले हजारों कश्मीरी विस्थापित पंडितों का जिक्र करते हुए, चुंरगू ने कहा वे पिंजरे में बंद कबूतरों की तरह हैं और हर समय खतरे में रहते हैं।उन्होंने कहा कि सरकार की नीति उन्हें मुस्लिम फासीवादी सांप्रदायिक व्यवस्था का बंधक बनाने की है।उन्होने पाकिस्तान को भी आतंकी देश घोषित करने की मांग की। 


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