Move to Jagran APP

पूरे जम्मू संभाग के पंचायत प्रतिनिधि दे सकते हैं त्यागपत्र, पंचों और सरपंचों की नहीं हो रही सुनवाई

राज्य महासचिव तथा ब्लॉक मीरां साहिब से बीडीसी चेयरमैन दिलीप कुमार ने कस्बे में कहा कि जम्मू कश्मीर में जनता द्वारा चुने गए सरपंचों एवं पंचों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जम्मू संभाग की विभिन्न पंचायतों के सरपंच अपने पदों से त्यागपत्र देने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 07:12 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 07:12 PM (IST)
पूरे जम्मू संभाग के पंचायत प्रतिनिधि दे सकते हैं त्यागपत्र, पंचों और सरपंचों की नहीं हो रही सुनवाई
पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों को लेकर ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू किए जाने पर विरोध जताया

मीरां साहिब, संवाद सहयोगी : ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस के राज्य महासचिव तथा ब्लॉक मीरां साहिब से बीडीसी चेयरमैन दिलीप कुमार ने कस्बे में कहा कि जम्मू कश्मीर में जनता द्वारा चुने गए सरपंचों एवं पंचों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अगर जल्द से जल्द प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने इस रवैये में बदलाव नहीं लाया तो जम्मू संभाग की विभिन्न पंचायतों के सरपंच अपने पदों से त्यागपत्र देने के लिए मजबूर हो जाएंगे। सोमवार को मीरां साहिब में पत्रकार वार्ता कर बीडीसी चेयरमैन ने अधिकारियों के व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की।

loksabha election banner

पंचायत कान्फ्रेंस के राज्य महासचिव दिलीप कुमार ने कहा कि पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारियों से खफा होकर 50 के करीब सरपंचों ने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया था और अब वैसे ही हालात जम्मू संभाग की अन्य पंचायतों में बनते हुए दिख रहे हैं। कहने को तो सरकार ने सरपंचों को कई विभाग दिए हुए हैं, लेकिन इन विभागों में सरपंचों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दुख की बात है कि जनता द्वारा चुने गए सरपंचों के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया काफी गलत है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार जहां पंचायती राज को मजबूत करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सरपंच पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर प्रशासन से खफा हैं।

उन्होंने पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों को लेकर ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू किए जाने पर विरोध जताया और कहा कि इस प्रक्रिया के कारण पंचायतों में विकास कार्य काफी धीमी गति से चल रहे हैं। ठेकेदार सरपंचों की राय लिए बिना ही काम करवा रहे हैं। बीडीसी चेयरमैन दिलीप कुमार ने कहा कि अब सरकार द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है कि सरपंचों के पास अपना जीएसटी भी होना चाहिए जो सरपंचों के साथ नाइंसाफी है। क्योंकि उन्हें हर महीने इसकी फीस अदा करनी पड़ेगी।

खनन पर पाबंदी पर भी जताया एतराज : दिलीप कुमार ने कहा कि खनन पर लगी पाबंदी के कारण भी पंचायतों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं। तवी एवं नालों का कुछ भाग पंचायतों के हवाले होना चाहिए ताकि पंचायतों में विकास कार्य हो सके। उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कुछ दिनों के भीतर भीतर प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने रवैए में बदलाव नहीं लाया तो सरपंच अपने पदों से त्यागपत्र देंगे, जिसके लिए जम्मू कश्मीर उपराज्यपाल प्रशासन जिम्मेदार होगा। इस अवसर पर सरपंच राजा सिंह, सरपंच हरबंस लाल, सरपंच रमेश कुमार मैशी, पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह नत्थू भी उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.