Jammu Kashmir: प्रोटाेकाल मांग रहे डीडीसी अध्यक्षों से पंचायत प्रतिनिधि नाराज, डीडीसी अध्यक्षों पर लगाया स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप
शुक्रवार को पंचों सरपंचों ने विकास के मुद्दों को लेकर जम्मू के डोगरा चौक व श्रीनगर के लाल चौक पर प्रदर्शन किया।पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि हमें प्रोटोकाल नहीं मजबूत पंचायतें चाहिए ताकि लोगों के विकास संबंधी पूरी हो सके। इसको लेकर हम दिल्ली तक जाएंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन बनने के बाद मंत्री का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर सड़कों पर आए जिला विकास परिषद सदस्यों के खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि अपने फायदे के लिए जिला विकास परिषद के सदस्यों ने ट्रैनिंग प्रोग्राम को विरोध प्रदर्शन का प्लेटफार्म बना दिया। जम्मू कश्मीर में पंचायतों को मजबूत बनाने की मांग को लेकर पंचों, सरपंचों ने जम्मू व श्रीनगर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अफसोस जताया कि लोगों के वोट लेने के बाद जिला विकास परिषद के सदस्य जनहित के मुद्दे को भूल कर स्वार्थ सिद्धि में जुट गए हैं।
शुक्रवार को पंचों, सरपंचों ने विकास के मुद्दों को लेकर जम्मू के डोगरा चौक व श्रीनगर के लाल चौक पर प्रदर्शन किया।
पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि हमें प्रोटोकाल नहीं, मजबूत पंचायतें चाहिए ताकि लोगों के विकास संबंधी पूरी हो सके। इसको लेकर हम दिल्ली तक जाएंगे। यह मुद्दा शुक्रवार को जम्मू में पंचों, सरपंचों के संगठन जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में उठाया। अलबत्ता उन्होंने पंचायतों को मजबूत बनाने के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर सरकार को प्रश्नचिह्न लगाया।
शर्मा ने कहा कि ग्रामीणों के मसले हल करने के लिए हुए बैक टू विलेज अभियान फ्लाप रहे हैं।शर्मा ने कहा कि हमें आशा थी कि डीडीसी चेयरमैन अपने इलाकों के डेलीवेजरों, राशन, सड़कों, स्कूलाें, स्वास्थ्य केंद्रों, रोजगार संबंधी मुद्दे उठाएंगे। हमें उम्मीद नही थी कि वे लोगों के वोटों का दुरूपयोग करेंगे।शर्मा ने कहा कि जीते हुए डीडीसी प्रोटोकाल, गाड़ी, सुरक्षा, मानदेय मांगने पर उतर आए।शर्मा ने जम्मू कश्मीर में थ्री टियर पंचायती राज कायम करने पर पीएम को बधाई देते हुए कहा हम आने वाले दिनों में पंचातयों को मजबूत बनाने के मुद्दे पर दिल्ली जाएंगे। हमें प्रोटोकाल नही मजबूत पंचायतें चाहिए ताकि विकास हो सके।
वहीं बाद में पत्रकारों से बातचीत में अनिल शर्मा ने सरंपचों का मानदेय दस हजार व पंचों का मानदेय पांच करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार के बैक टू विलेज को प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा कि लोगों के मसले हल हो सकें, इसके लिए हर पंचायत को पच्चीस पच्चीस लाख रूपये जारी किए जाएंगे।शर्मा ने कहा कि पंचों, सरपंचों की मांग है कि जम्मू कश्मीर में 73वें संशोधन को पूरी तरह से प्रभावी बनाया जाए। इसके साथ पंचायतों के विकास को गंभीरता से लेते हुए पंचों, सरंपचों के मसलों को हल किया जाए।