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बांडीपोरा आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ, हमला कर भागता हुआ पाकिस्तानी आतंकी सीसीटीवी में कैद

शनिवार को सेना पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई है। इसमें केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हुए। लगभग सवा दो घंटे तक चली इस बैठक में आतंकियों की भीड़ भरे बाजारों में हमले की नई साजिश से निपटने की रणनीति बनाई गई।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 07:32 AM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 07:32 AM (IST)
बांडीपोरा आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ, हमला कर भागता हुआ पाकिस्तानी आतंकी सीसीटीवी में कैद
आतंकी व उसके साथियों को चिन्हित कर लिया है। वह जल्द पकड़े या मारे जाएंगे।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर के बांडीपोरा जिले में गत शुक्रवार को पुलिस दल पर हुए आतंकी हमले के पीछे भी पाकिस्तान ही है। इस हमले को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकी ने अपने दो ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) की मदद से अंजाम दिया था। इस हमले के बाद भाग रहे आतंकी का सीसीटीवी फुटेज पुलिस के हाथ लगा है, जिससे उसकी पहचान की जा सकी। इस हमले में जम्मू कश्मीर पुलिस के दो जवान बलिदान हो गए थे।

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कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने हमला स्थल के पास लगे एक सीसीटीवी की फुटेज का हवाला देते हुए बताया कि इसमें साफ नजर आता है कि फिरन (कश्मीरी परिधान) पहने एक आतंकी हमला कर भाग रहा है। उसके साथ उसके दो ओवरग्रांउड वर्कर भी नजर आ रहे हैं। आतंकी ने हमले के बाद पुलिसकर्मियों से उनके हथियार छीनने का प्रयास भी किया था, लेकिन वहां मौजूदा एक अन्य पुलिसकर्मी की त्वपरित कार्रवाई पर उसे अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। हमने आतंकी व उसके साथियों को चिन्हित कर लिया है। वह जल्द पकड़े या मारे जाएंगे।

सूत्रों ने बताया कि बांडीपोरा हमले के बाद शनिवार को सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई है। इसमें केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हुए। लगभग सवा दो घंटे तक चली इस बैठक में आतंकियों की भीड़ भरे बाजारों में हमले की नई साजिश से निपटने की रणनीति बनाई गई।

सूत्रों के अनुसार, बैठक में बताया गया कि आतंकियों को उनके हैंडलरों ने पुलिस कर्मियों और सुरक्षाबलोंं पर उन्हीं जगहों पर हमले का निर्देश दिया है जहां भीड़ हो और उनके खुद बच निकलने का पूरा मौका हो। इससे सुरक्षाबलों को ज्यादा से ज्यादा और आतंकियों को कम से कम नुकसान होगा। ऐसे में सुरक्षाबल जवाबी कार्रवाई करते हैं तो नागरिक नुकसान होने पर लोग उनके खिलाफ सड़कों पर आएंगे। बैठक में आतंकियों की नयी साजिश से निपटने के लिए रणनीति भी तैयार की गई। इसके मुताबिक, किसी भी जगह नियमित तौर पर नाका लगाने के तौर तरीकों में बदलाव किया जाएगा।

नाकों पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को नियमित अंतराल पर बदला जाएगा। नाका पार्टी को भीड़ का हिस्सा नहीं बनना है। किसी भी क्षेत्र विशेष में सक्रिय आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों और उनके साथ सहानुभूति रखने वाले तत्वों की गतिविधियों की लगातार निगरानी की जाएगी। सभी प्रमुख बाजारों और चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के अलावा बाजारों में वाहनों की भीड़ घटाई जाएगी। भीड़ भरे इलाकों में गश्त के दौरान जवानों को एक दूसरे के साथ पूरा संवाद रखने और दल से अलग होकर किसी जगह खड़ा होने की मनाही रहेगी। 


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