मादक तस्करी से आतंकवाद को जीवित रखने की साजिश, बेरोजगार युवाओं को कारोबार में धकेला जा रहा
पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को जीवित रखने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। मादक तस्करी कर जुटाई जा रही धनराशि को कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को जीवित रखने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। मादक तस्करी कर जुटाई जा रही धनराशि को कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। हाल ही में जम्मू के विभिन्न हिस्सों से पुलिस के हत्थे चढ़े तस्करों ने खुलासा किया कि मादक तस्करों ने यह खुलासा किया है कि नशीले पदार्थों की तस्करी से जुटाए जाने वाले रुपयों का प्रयोग आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है। इसके लिए पाकिस्तान ने मादक पदार्थ का सहारा लिया।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से ही नशे की खेप को भारत के भेजा जाता है। यहां से कुरियर की मदद से मादक तस्कर गिरोह को सौंप कर मेट्रो शहरों में सप्लाई की जाती है जहां उसे उन्हें मोटी कमाई होती है। कमाई का बड़ा हिस्सा आतंकी संगठनों को भेजा जाता है। सीमा पार से आने वाली नशे की खेप पर अफगानिस्तान की मुहर लगी होती है, ताकि मादक तस्कर गिरोह के सदस्य उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह ना लगा पाए। पाकिस्तान से अकसर नशे की खेप कश्मीर के कुपवाड़ा, जम्मू के पुंछ तथा जम्मू से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में लाए जाते है। इसके बाद नशे की खेप को जम्मू और वहां से पंजाब, दिल्ली या फिर मुंबई में भेजा जाता है।
बेरोजगार युवकों को मादक तस्करी में धकेला जा रहा
जम्मू-कश्मीर में दम तोड़ रहे आतंकवाद को जीवित रखने की पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने अब नई चाल चली है। नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए बेरोजगार युवाओं के अलावा उन लोगों को लालच देकर इस धंधे में लाया जा रहा है जिनका पुलिस में कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। कश्मीर से नशे की खेप को विभिन्न राज्यो में भेजने के लिए युवाओं का कुरियर की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
पाकिस्तान से आती है नशे की खेप
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के राज्य में काम करने वाले लोग उन व्यक्तियों की पहचान करते है जो नशे के आदी हों। उनकी इस लत को पूरा करने के लिए उसे नशा परोसा जाता है। बाद में जब वह इन लोगों के जाल में फंस जाते है तो उन्हें मादक तस्करी करने के लिए मजबूर किया जाता है। आंतकवाद के साथ मादक तस्करों से पुलिस को निपटना पड़ता है। पाकिस्तान के साथ लगती अंतर राष्ट्रीय सीमा पर कंटीली तारें लगाए जाने के बाद घुसपैठ में काफी हद तक कमी आई है, ऐसे में आतंकवाद को पोषित करने के लिए पाकिस्तान का यह घिनौना मंसूबा सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुआ है। पिछले एक वर्ष में तस्करी के ऐसे डेढ़ दर्जन मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें नशे की बड़ी खेप पाकिस्तान के रास्ते भारत में लाई गई है।