Ceasefire Violation: पाक रेंजरों ने अरनिया में सड़क निर्माण रोकने के लिए मजदूरों पर बरसाई गोलियां
राजवीर सिंह ने कहा कि वे सड़क का निर्माण अपनी सीमा में कर रहे हैं। पाकिस्तान को इसमें क्या आपत्ति है। शमशानघाट तक बनाया जाने वाला यह रास्ता सीमा से 400 मीटर से भी अधिक दूर है।
बिश्नाह, संवाद सहयोगी। पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बात नहीं आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान आए दिन अंतरराष्ट्रीय सीमा से नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ कराने के इरादे से संघर्ष विराम का उल्लंघन तो करता आ रहा है परंतु अब उसने सीमांत गांवों में विकास कार्यों में भी विघन डालना शुरू कर दिया है। यह ऐसी ही एक घटना अनिया के सीमांत गांव पिंडी खुर्द में पेश आई।
मामला कुछ इस तरह का है। सीमा से सटे इस गांव में शमशानघाट पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है। यहां के लोग प्रशासन से कई सालों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे। गांव के पंच राजवीर सिंह ने बताया कि बड़ी कोशिशों के बाद सरकार ने शमशानघाट मार्ग के निर्माण को मंजूरी दी। गत मंगलवार को जब सड़क का निर्माण शुरू हुआ तो पाक रेंजरों पर इस पर आपत्ति जताते हुए लाल झंडे दिखाकर निर्माण कार्य रूकवा दिया। सुरक्षाबलों ने जब बताया कि यह सड़क शमशानघाट जाने के लिए बनाई जा रही है तो पाक रेंजरों ने कहा कि वह इस बारे में अधिकारियों से बात करेंगे। कोई जवाब न मिलने पर आज बुधवार को सड़क का निर्माण कार्य फिर शुरू किया गया।
ऊनी खनोर पोस्ट पर तैनात पाक रेजरों ने इस बार कोई बात न करते हुए काम कर रहे स्थानीय मजदूरों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। करीब दो राउंड फायर किए गए। गोलियाें की आवाज सुनकर जहां आसपास के गांवों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया वहीं ट्रैक्टर-ट्राली की होड़ में छिपे स्थानीय मजदूर बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर गांव पहुंचे। दोपहर करीब दो बजे के बाद चिनाब व पीतल पोस्ट से बीएसएफ जवान के वहां पहुंचे पर लोग ट्रैक्टर ट्राली और जेसीबी को वहां से निकाल पाए।
राजवीर सिंह ने कहा कि वे सड़क का निर्माण अपनी सीमा में कर रहे हैं। पाकिस्तान को इसमें क्या आपत्ति है। शमशान घाट तक बनाया जाने वाला यह रास्ता सीमा से 400 मीटर से भी अधिक दूर है। पाकिस्तान बिना वजह डरा रहा है। उन्होंने सरकार से अपील है कि वह पाक रेंजरों से बात करें व उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे ताकि गांव में होने वाले विकास कार्य बिना रूकावट पूरा हो सकें। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तानी रेंजरों ने उन पर गोलीबारी की उस दौरान भारतीय बीएसएफ जवानों ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की। बावजूद इसके सीमा के साथ बसे लोगों में एक दहशत का माहौल बन गया है।
किसानों को अब यह डर भी सताने लगा है कि अभी धान रोपने का मौसम है और उन्हें तारबंदी तक खेतों में फसल लगाने जाना है। अगर पाकिस्तानी रेंजर इसी तरह गोलीबारी करेंगे तो इस बार खेती कैसे होगी। बाहरी श्रमिक पहले ही अपने घरों को लौट गए हैं। इस बार स्थानीय किसानों को खुद ही काम करना है। सरकार को चाहिए कि वह सीमा पर शांति कायम रखने के लिए पाकिस्तान से बातचीत करे।