Jammu Kashmir: दबाव में पीएजीडी, नेकां-पीडीपी बराबर सीटों पर सहमत, मुजफ्फर बेग के इस्तीफे के बाद हुआ फैसला
जम्मू-कश्मीर में डीडीसी की 280 सीटों पर 28 नवंबर से आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण के लिए नामांकन हो चुके हैं। इसमें नेकां को अधिक सीटें दी गई थीं। इस पर पीपुल्स एलायंस में शामिल अन्य पार्टियों ने आपत्ति जताई थी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कश्मीर केंद्रित पार्टियों के संगठन पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) में घमासान मचा है। पहले पीएजीडी में शामिल पार्टियों में सीटों के बंटवारे पर मतभेद की खबरें आईं। इसके बाद पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में एक मुजफ्फर हुसैन बेग का सीटों के बंटवारे से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफे के बाद पीएजीडी पर दबाव और बढ़ गया।
मसला सुलझाने को रविवार पीएजीडी के अध्यक्ष डॉ. फारूक ने अपने घर बैठक बुलाई, लेकिन संगठन की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती इसमें शामिल नहीं हुई। इसके बाद डॉ. फारूक को बाहर आकर बयान देना पड़ा कि पीएजीडी में कोई मतभेद नहीं है। पीडीपी को अपनी मर्जी से सीटें चुनने की छूट होगी। वहीं, दूसरे चरण के लिए सीटों का बंटवारा भी कर दिया गया। इसमें नेकां और पीडीपी को बराबर सीटें देकर मतभेद दूर करने का प्रयास किया गया।
जम्मू-कश्मीर में डीडीसी की 280 सीटों पर 28 नवंबर से आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण के लिए नामांकन हो चुके हैं। इसमें नेकां को अधिक सीटें दी गई थीं। इस पर पीपुल्स एलायंस में शामिल अन्य पार्टियों ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद ही रविवार को फारूक के निवास पर बैठक हुई। इसमें शेष बचे सात चरण के चुनावों में सीटों के बंटवारे पर मंथन किया गया। इस मुद्दे पर तीन दिन में चार बैठकें हो चुकी हैं। बैठक का हिस्सा रहे एक नेता ने नाम न छापने पर बताया कि इस बैठक में महबूबा शामिल नहीं हुईं।
जब उन्हें फोन कर बुलाया गया तो उन्होंने कह दिया वह बैठक में नहीं आ सकती हैं। बैठक में आने के लिए फारूक ने स्वयं महबूबा से संपर्क किया था। बैठक के बाद फारूक ने कहा कि चुनाव में सीटें मायने नहीं रखती हैं, बल्कि पीपुल्स एलायंस का मकसद मायने रखता है। एलायंस में कोई मतभेद नहीं है। बैठक में पहली बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीए मीर भी शामिल हुए।
दूसरे चरण के लिए नेकां-पीडीपी को आठ-आठ सीटें: पीएजीडी ने चुनाव के दूसरे चरण के लिए सीटों के बंटवारे को रविवार अंतिम स्वरूप दिया। कुल 27 सीटों में से नेकां और पीडीपी को आठ-आठ सीटें दी गई हैं। पीएजीडी के प्रवक्ता सज्जाद गनी लोन ने सूची जारी की। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख सोमवार को है। लोन की जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। जबकि कांग्रेस तीन सीटों पर लड़ेगी। जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट दो सीटों पर लड़ेगी। फारूक की बहन बेगम खालिदा शाह के नेतृत्व वाली अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस को एक सीट मिली है।
जो पार्टी छोड़ रहे वह स्वार्थी : हंजूरा
बैठक में मौजूद रहे पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी हंजूरा ने भी सफाई दी कि गठबंधन के सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग सीटों के बंटवारे को आधार बनाकर पार्टी छोड़ते है, वे स्वार्थी लोग हैं। वहीं, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने मुजफ्फर हुसैन बेग के पीडीपी से इस्तीफे पर कहा कि जो लोग अपनी पार्टियां छोड़कर दूसरी पार्टियों में चले गए है उनको वापस आना चाहिए क्योंकि मामला पहचान का है। बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीए मीर, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन, माकपा के मोहम्मद यूसुफ तारीगामी, पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष जावेद मुस्तफा मीर भी मौजूद रहे।
पीपुल्स एलायंस के साथ आगे तक पर यह बोले मीर: पीपुल्स एलायंस से कांग्रेस का गठजोड़ चुनाव तक सीमित है या आगे भी चलेगा, इस सवाल को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर टाल गए। हालांकि यह जरूर कहा कि बाकी चीजों के बारे में बाद में ही कुछ कहा जा सकता है। हमें अभी वर्तमान चुनाव पर ही ध्यान केंद्रित करना है। इसके प्रत्याशियों की अभी सूची जारी नहीं की है। जिलों के आधार पर उम्मीदवारों का ब्योरा हासिल किया है। हमने पहले चरण के चुनाव के लिए जम्मू संभाग के कठुआ, सांबा, पुंछ आदि इलाकों में हमने कार्यकर्ताओं पर ही उम्मीदवारों का फैसला छोड़ा था।
- अगर आप सौ फीसद हिस्सा भी एक राजनीतिक पार्टी को दे दो, तो भी कमियां रह जाएंगी। अगर किसी उम्मीदवार को जगह नहीं मिलती या किसी पार्टी को कम हिस्सा मिलता है तो यह मुद्दा नहीं होना चाहिए। सीटों को लेकर पीपुल्स एलायंस में कोई मतभेद नहीं है। सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है। हम जनहित पर काम कर रहे हैं। -जीए मीर, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
- यह मामला नहीं है कि किसी पार्टी को कितनी सीटें मिलती हैं। अंकों का कोई औचित्य नहीं है। गुपकार एलायंस को तोडऩे के लिए प्रदेश सरकार और एजेंसियों पर दबाव है, लेकिन यह नहीं टूटेगा। मुद्दा हमारी पहचान और राज्य का है। मुद्दा मुसलमानों, ङ्क्षहदुओं, सिखों, बौद्धों, कश्मीरी पंडितों को लेकर है। हमने एकजुटता दिखा दी है। अब भाजपा को हराने का काम अब जनता का है। -मुजफ्फर शाह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवामी नेशनल कांफ्रेंस