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Jammu Kashmir: पद्मश्री बलवंत ठाकुर बोले- दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं कलाकार, उपराज्यपाल दें वित्तीय सहायता

कला के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान धारक प्रख्यात रंगमंच निर्देशक जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने कोरोना काल में दयनीय स्थिति से गुजर रहे प्रदर्शन कलाओं से जुडे़ कलाकारों को वित्तीय सहायता देने के लिए उपराज्यपाल से आग्रह किया है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 06:14 PM (IST)
Jammu Kashmir: पद्मश्री बलवंत ठाकुर बोले- दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं कलाकार, उपराज्यपाल दें वित्तीय सहायता
जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव पद्मश्री बलवंत ठाकुर

जम्मू, जागरण संवाददाता : कला के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान धारक प्रख्यात रंगमंच निर्देशक जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव एवं कई पदों पर रहते हुए कला के विकास में जुटे रहे पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने कोरोना काल में दयनीय स्थिति से गुजर रहे प्रदर्शन कलाओं से जुडे़ कलाकारों को वित्तीय सहायता देने के लिए उपराज्यपाल से आग्रह किया है।

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ठाकुर ने कहा कि बहुत से कलाकारों के पास आय का कोई अन्य स्राेत नहीं है। कोविड-19 के कारण वह बहुत खराब हालत में हैं। उनकी आजीविका जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी, सॉन्ग एंड ड्रामा डिवीजन, नार्थ जोन कल्चरल सेंटर, दूरदर्शन, आईसीसीआर और रेडियो सहित विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों और एजेंसियों द्वारा मिलने वाले छोटे-छोटे सांस्कृतिक असाइनमेंट पर निर्भर करती है। ठाकुर ने बताया कि उन्होंने पहले ही यह मुद्दा संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली की सामान्य परिषद में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा नामित होने के नाते इस मामले को राष्ट्रीय संगीत और नाटक अकादमी और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उठाया है ताकि कलाकारों की आय का कोई साधन बन सके।

हालांकि कोविड-19 की तबाही ने देश की पूरी अर्थव्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लेकिन प्रदर्शन करने वाले कलाकारों का समुदाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों के पारंपरिक कलाकारों का उल्लेख किया। जो पूरी तरह से अपने कलात्मक कार्यों पर भरोसा करते हैं। कलाकारों का समुदाय इतना संवेदनशील है कि वे सहायता मांगने से कतराते हैं और संकट की इस घड़ी में बुरी तरह से पीड़ित हैं। बलवंत ठाकुर ने उपराज्यपाल को सुझाव दिया कि ऐसे कलाकारों की पहचान करने के लिए एक नामित सरकारी एजेंसी को यह काम सौंपा जाए। जो पता लगाए कि कौन से कलाकारों को वित्तीय सहायता की जरूरत है।

सहायता और समर्थन के लिए कलाकारों का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस तरह के वितरण में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए समुदाय के वरिष्ठ लोगों का एक बड़ा निकाय शामिल हो। चयन सूची केवल कलाकारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि इसमें तकनीशियन, एंकर और अन्य ऑफ-स्टेज कार्यकर्ता भी शामिल होने चाहिए। इस मुश्किल घड़ी में दुनिया भर के कलाकारों को उनकी सरकारों का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने पूर्ण विश्वास व्यक्त किया कि उपराज्यपाल कला और कलाकारों के अस्तित्व के व्यापक हित में उनके अनुरोध का सम्मान करेंगे। 


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