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गुलाम नबी आजाद को पदमभूषण सम्मान, पंडित विश्वमूर्ति शास्त्री और फैसल अली डार को पद्मश्री

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के डोडा जिला से ताल्लुक रखने वाले गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को हुआ। इनके पिता रहमतुल्लाह थे। गुलाम नबी आजाद ने विश्वविद्यालय से प्राणि विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई संपन्न की।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 09:51 PM (IST)
गुलाम नबी आजाद को पदमभूषण सम्मान, पंडित विश्वमूर्ति शास्त्री और फैसल अली डार को पद्मश्री
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, फैसल अली डार, पंडित विश्वमूर्ति शास्त्री।

जम्मू,जागरण संवाददाता। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को पदमभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया है। प्रदेश के फैसल अली डार को खेल के क्षेत्र और पंडित विश्व मूर्ति शास्त्री को साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के एक तेज तर्रार नेता के रूप में जाने जाते हैं। किस राजनीतिक पार्टी के साथ कैसे तालमेल बैठाकर कैसे चलना है। किसे जोड़ना है और कैसे मनाना है, जैसे सभी मामलों में गुलाम नबी आजाद एक उपयुक्त शख्सियत हैं।

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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के डोडा जिला से ताल्लुक रखने वाले गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को हुआ। इनके पिता रहमतुल्लाह थे। गुलाम नबी आजाद ने विश्वविद्यालय से प्राणि विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई संपन्न की। आजाद ने वर्ष 1980 में कश्मीर की एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित गायिका शमीन देव आजाद के साथ विवाह किया। इनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।

गुलाम नबी आजाद ने वर्ष 1973 में कांग्रेस के सदस्य के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की। इसके उपरांत उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखकर और कई केंद्रीय मंत्रालय संभालते हैं। इनमें पर्यटन, नागरिक उड्डयन और संसदीय मामले शामिल रहे हैं। आजाद के जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में 21 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

पद्मश्री फैसल डार :

कश्मीर के बांडीपोरा जिला के रहने वाले हैं। वह मार्शल आर्ट के कोच हैं और उनके द्वारा तैयार किए गए कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं।

पद्मश्री पंडित विश्व मूर्ति शास्त्री:

पंडित विश्व मूर्ति शास्त्री विश्व मार्तंड संस्थान के संस्थापक हैं। वह राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के पूर्व प्रिंसिपल भी रह चुके हैं। पंडित विश्व मूर्ति शास्त्री ने साहित्याचार्य और शास्त्री की विद्या आचार्य विद्यावृद्धि संस्कृत से पीएचडी की। उनके साहित्य के क्षेत्र में योगदान को मद्देनजर रखते हुए उन्हें पूर्व में पदमभूषण अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।


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