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आइसोलेशन वार्ड में आक्सीजन सप्लाई बंद, एफआइआर दर्ज

राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के आइसोलेशन वार्ड में बीते बुधवार को कुछ देर के लिए अचानक आक्सीजन सप्लाई बंद हो गई। हालंाकि वार्ड में कम ही मरीज थे लेकिन उन्होंने आक्सीजन न मिलने की शिकायत की। उसके बाद वार्ड में मौजूद सभी कर्मचारी हरकत में आ गए। मेकेनिकल इंजीनियरिग विभाग को सूचित किया गया तो पता चला कि कोई सप्लाई को बंद कर गया था। हालांकि इसमें किसी मरीज की जान तो नहीं गई लेकिन मेकेनिकल इंजीनियरिग ने जीएमसी पुलिस चौकी में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवा दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 07:47 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 07:47 AM (IST)
आइसोलेशन वार्ड में आक्सीजन सप्लाई बंद, एफआइआर दर्ज
आइसोलेशन वार्ड में आक्सीजन सप्लाई बंद, एफआइआर दर्ज

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के आइसोलेशन वार्ड में बीते बुधवार को कुछ देर के लिए अचानक आक्सीजन सप्लाई बंद हो गई। हालंाकि, वार्ड में कम ही मरीज थे, लेकिन उन्होंने आक्सीजन न मिलने की शिकायत की। उसके बाद वार्ड में मौजूद सभी कर्मचारी हरकत में आ गए। मेकेनिकल इंजीनियरिग विभाग को सूचित किया गया तो पता चला कि कोई सप्लाई को बंद कर गया था। हालांकि इसमें किसी मरीज की जान तो नहीं गई, लेकिन मेकेनिकल इंजीनियरिग ने जीएमसी पुलिस चौकी में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवा दी है।

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यह मामला बुधवार शाम का है। जीएमसी के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कुछ मरीजों ने आक्सीजन न मिलने की शिकायत की। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इससे वहां पर मौजूद स्टाफ तुरंत हरकत में आया और दस मिनट में ही आक्सीजन सप्लाई को बहाल करवा दिया। लेकिन इसके बाद आक्सीजन बंद होने के कारणों का पता लगाया जाने लगा। मेकेनिकल इंजीनियरिग विभाग ने सभी से पूछताछ भी की, लेकिन जब किसी ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की तो वीरवार शाम को मेकेनिकल विभाग के एईई ने एफआईआर दर्ज करवा दी। एफआईआर में किसी का नाम दर्ज नहीं है। इसकी पुष्टि पुलिस ने भी की है। कहा जा रहा है कि आक्सीजन सप्लाई होने वाली पाइप के वाल को बंद कर दिया गया था। अब इस मामले की जांच की जा रही है। लेकिन अगर समय पर कार्रवाई न होती तो वार्ड में भर्ती मरीजों की जान भी जा सकती थी।

मामले की जांच करवाई जा रही: प्रिसिपल

जीएमसी जम्मू की प्रिसिपल डा. शशि सूदन ने कहा कि आइसोलेशन वार्ड में 14 मरीज भर्ती थे और उस समय वार्ड में डा. अंजू सहित 11 स्वास्थ्य कर्मी भी थे। अचानक उन्होंने देखा कि मरीजों का आक्सीजन स्तर कम हो रहा है तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना मेडिकल सुपरिटेंडेंट और मेकेनिकल इंजीनियरिग विभाग को दी। वार्ड में आक्सीजन सिलेंडर भी रखे गए थे। डाक्टरों ने बैकअप से आक्सीजन सप्लाई की। इससे मरीजों की जान तो बच गई, लेकिन किसने वाल्व बंद किए। इसका पता नहीं चला है। प्रिसिपल के अनुसार, प्रशासनिक अधिकारी को जांच सौंपी गई है। फिगर प्रिट लेने की भी कोशिश की गई है। अब सुरक्षा कर्मचारियों को नियुक्त करने के अलावा आक्सीजन प्लांट के पास सीसीटीवी लगाए गए हैं। मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।


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