Militancy in Jammu Kashmir: बौखलाया पाकिस्तान, 250 से अधिक आतंकवादी सीमा पर घुसपैठ के प्रयास में
उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा पर LoC से लेकर पुंछ नियंत्रण रेखा के बीच गोलाबारी की आड़ में कई बार आतंकियों की घुसपैठ के प्रयास हुए।परंतु सेना ने हर उनके सभी प्रयासों को विफल बना दिया। घुसपैठ के इन प्रयासों में पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा है।
जम्मू, राहुल शर्मा: कश्मीर घाटी में दम तोड़ रहे आतंकवाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। 250 से अधिक आतंकवादी नियंत्रण रेखा और अंतरर्राष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सीमा में घुसपैठ के प्रयास में बैठे हुए हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की कोशिश है कि सीमापार से जारी गोलाबारी की आड़ में आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र मे धकेला जा सके।पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक नही है।
मंहगाई और इमरान की नीतियों से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। लोगों का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान की कोशिश है कि किसी तरह बार्डर पर फायरिंग में तेजी लाकर आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में धकेला जाए।बीते सितंबर माह में भी अंतरर्राष्ट्रीय सीमा पर सांबा सैक्टर के बैन गलाड़ इलाके में बीएसएफ के जवानों को सुरंग मिली थी जिसके मुहाने पर पाकिसतान के कराची इलाके में किसी फैक्ट्री की खाली बोरियाें को टनल के मुहाने पर लगाया हुया था। इस घटना के थोड़े दिनों बाद अरनिया सब सेक्टर में भी पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ और हथियार फैंके थे। जिसका समय रहते पता चल गया था।
ऐसा माना जा रहा है कि बीते बुधवार रात को पाकिस्तान ने हीरानगर सेक्टर में फायरिंग के दौरान ही बन टाेल प्लाजा में मारे गए आतंकवादी भी मुठभेड़ की आड़ में घुसपैठ करने में सफल हुए।आइजी मुकेश सिंह का कहना है कि यह ताजा घुसपैठ थी और संभवत आतंकवादी हीरानगर और सांबा सेक्टर से घुसपैठ करके आए हैं। उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा पर नियंत्रण रेखा से लेकर पुंछ नियंत्रण रेखा के बीच गोलाबारी की आड़ में कई बार आतंकियों की घुसपैठ के प्रयास हुए।परंतु सेना ने हर उनके सभी प्रयासों को विफल बना दिया। घुसपैठ के इन प्रयासों में पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा है।यही वजह है कि हर बार नाकामी हाथ लगने के बाद आतंकी संगठनों ने एक बार फिर जम्मू पंजाब की सरहदों से घुसपैठ का रास्ता चुना है।
जम्मू-श्रीनगर हाईवे के जरिए आतंकवादी घाटी पहुंचने का कई बार प्रयास कर चुके हैं।पिछले तीन सालों में चौथा प्रयास था जब वे ट्रक में छिपकर घाटी जाने की फिराक में थे।