Jammu Kashmir Land Law: नए भूमि कानून के मुद्दे पर विपक्ष के तेवर कड़े, पैंथर्स ने किया प्रदर्शन
कांग्रेस मोदी सरकार की इन नीतियों का विरोध करती रहेगी। इस कानून को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को जोर शोर से उठाया जा रहा है। इस मामले को लेकर सारा विपक्ष एकजुट है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर में लागू किए गए नए भूमि कानून के मुद्दे पर पैंथर्स पार्टी और कांग्रेस के तेवर कड़े हो गए हैं। पैंथर्स पार्टी ने बुधवार को जम्मू के प्रेस क्लब के नजदीक प्रदर्शनी मैदान में प्रदर्शन कर नए भूमि कानून का विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए भाजपा का पुतला फूंका।
पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा किया है। जम्मू कश्मीर को सेल पर लगा दिया है। डोमिसाइल कानून में भी अनेक खामियां है जिससे बाहरी राज्यों के जम्मू कश्मीर में बसे लोग नौकरियों के हकदार हो गए हैं। इससे जम्मू कश्मीर के नौजवानों के लिए रोजगार के साधन कम हो गए है। भाजपा ने वायदा किया था कि स्थानीय लोगों के नौकरियों और भूमि के अधिकार सुरक्षित किए जाएंगे लेकिन अब नए भूमि कानून में ऐसी व्यवस्था की गई है कि बाहरी राज्यों का कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है। इसके लिए स्टेट सब्जेक्ट या डोमिसाइल की भी जरूरत नहीं है।
जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया था तो उस समय भाजपा ने नौकरियों और भूमि के अधिकार स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित करने का आश्वासन दिया था। जम्मू कश्मीर के लाेग इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे। लद्दाख में तो स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा कर दी गई हे लेकिन जम्मू कश्मीर के मामले में ऐसा नहीं हुआ है।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी इस मुद्दे पर संघर्ष करने का एलान किया है। पार्टी के प्रदेश प्रधान जीए मीर की अध्यक्षता में इस सप्ताह बैठक होगी। यह दोनों पार्टियां कश्मीर केंद्रित पार्टियों की तरह ही डोमिसाइल कानून का विरोध करती आ रही हैं। साथ ही जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा का कहना है कि भाजपा अपना वायदा निभाने में विफल रही है। जम्मू कश्मीर में किसी को भी जमीन खरीदने की इजाजत देकर धोखा किया गया है।
कांग्रेस मोदी सरकार की इन नीतियों का विरोध करती रहेगी। इस कानून को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को जोर शोर से उठाया जा रहा है। इस मामले को लेकर सारा विपक्ष एकजुट है।