Jammu Kashmir: वन्यजीवों के प्रति लगाव से ही बन पाएगा उनके संरक्षण का वातावरण
पर्यावरणविद् मंजीत सिंह का कहना है कि लोगों को जागरूक करना होगा कि वे इन जीवों का शिकार न करें। इसके लिए जगह जगह कार्यक्रम कराए जाने की जरूरत है। हमने दूर दूर तक पहुंच कर लोगों में जागरूकता लाई है। ऐसे और प्रयास होने चाहिए।
जम्मू, जागरण संवाददाता: इस प्रकृति में वन्यजीवों को भी जीने का अधिकार है। वन ही उसका घर है। लेकिन यह इंसान ही है जो इन जीवों की परवाह किए बिना ही पेड़ों की कटाई करता है। जंगलों में घुसता ही जा रहा है। इससे वन्यजीवों पर संकट गहरा आया है। इंसान के जंगलों में हस्तक्षेप के चलते वन्यजीवों के बसेरे प्रभावित होते हैं। वहीं जंगलों में रहे परिंदे जैसे जंगली मुर्गे व कल्मुहे पक्षियों पर शिकारियों की नजर टिक गई है।
पर्यावरणविदों का मानना है कि सरकारी तंत्र वन व वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अपने तरीके से काम कर रहा है लेकिन जब तक लोगों में जागरूकता नही आएगी, वन्यजीवों का संरक्षण पूरी तरह से संभव नही हो पाएगा। मगर संतुष्टि की बात यह है कि लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता लाने के अब पर्यावरण से जुड़े संगठनों ने पहल की है। जागृति के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। पेड़ परिचर्चा अभियान के तहत अभी तक एक हजार पेड़ परिचर्चाएं कर लोगों को वन व वन्यजीवों के बारे में जागरूक किया गया है।
अभियान चला रहे मुख्य वन रक्षक रहे ओपी विद्यार्थी का कहना है कि पेड़ परिचर्चा के माध्यम से पेड़ों के संरक्षण की बात उठी और इसी से ही जंगल सुरक्षित होंगे। वन्यजीवों के बसेरे बच सकेंगे। पर्यावरणविद् अनुज वर्मा का कहना है कि जब लोगों को वन्यजीवों से लगाव होने लगेगा तो वे इसके संरक्षण के लिए भी सोचने लगेंगे।वहीं कुछ पर्यावरणविद् लोगों का कहना है कि जम्मू के जंगलों में जंगली मुर्गे व कल्मुहे पक्षी का लगातार शिकार हो रहा है। हालांकि पिछले समय में कुछ लोगों पर मामले भी दर्ज हुए हैं लेकिन सख्ती से ही बात नही बनेगी। पर्यावरणविद् मंजीत सिंह का कहना है कि लोगों को जागरूक करना होगा कि वे इन जीवों का शिकार न करें। इसके लिए जगह जगह कार्यक्रम कराए जाने की जरूरत है। हमने दूर दूर तक पहुंच कर लोगों में जागरूकता लाई है। ऐसे और प्रयास होने चाहिए।
हिमालय एवियंस भी अपने तरीके से जागरूकता लाने का काम कर रहा है। वन्यजीव संरक्षण विभाग के चीफ वार्डन सुरेश गुप्ता ने कहा कि लोगों का साथ बहुत जरूरी है। पहले लोगों को वन्यजीवों के बारे में जानकारी होनी चाहिए क्योंकि वन से ही वन्यजीव जुड़े हैं। वन होंगे तो वन्यजीव होंगे । यह सब पर्यावरण का ही हिस्सा है। इसलिए लोगों का आज जागरूक होना बहुत जरूरी है।