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Jammu: छात्राओं के लिए ऑनलाइन कक्षाएं बन रही परेशानी का सबब, कई मामले पुलिस तक पहुंचे

छात्राओं को फोन करने की शिकायतें पुलिस थानों तक पहुंची है लेकिन इन मामलों को पुलिस ने अपने स्तर पर ही सुलझा दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 03:23 PM (IST)
Jammu: छात्राओं के लिए ऑनलाइन कक्षाएं बन रही परेशानी का सबब, कई मामले पुलिस तक पहुंचे
Jammu: छात्राओं के लिए ऑनलाइन कक्षाएं बन रही परेशानी का सबब, कई मामले पुलिस तक पहुंचे

जम्मू, दिनेश महाजन। कोरोना काल में सभी शिक्षा संस्था बंद है। विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिए इस दौरान ऑनलाइन कक्षाओं की अस्थायी व्यवस्था की गई है। परंतु यह ऑनलाइन कक्षाएं कुछ स्कूल, कालेज एवं ट्यूशन सेंटरों में पढ़ रही छात्राओं के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। स्कूल एवं ट्यूशन सेंटरों द्वारा विद्यार्थियों के बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप से कुछ छात्रों के नंबर लेकर कुछ शरारती छात्र आए दिन उन्हें परेशान कर रहे हैं।

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आए दिन फोन पर आने वाली इन अनजान फोन काल से ना सिर्फ छात्राएं बल्कि उनके अभिभावक भी परेशान हो चुके है। कुछ मामले तो पुलिस तक पहुंचे है, चूंकि इन मामलों में विद्यार्थी ही संलिप्त पाए गए है, इसलिए उनके विरुद्ध मामला दर्ज ना करते हुए पुलिस उनके अभिभावकों को बुलाकर बच्चों की काउंसलिंग करवाने के लिए प्रेरित कर रही है।

मौजूदा समय में ऑनलाइन पढ़ाई चूंकि रोजाना पांच से छह घंटे तक हो रही है इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों को स्मार्ट फोन लेकर देना पड़ रहा है। इसी का लाभ उठा कर कुछ शरारती छात्र अपने साथ पढ़ रही छात्राओं का फोन नंबर हासिल कर उन्हें परेशान कर रहे है। छात्राओं को फोन करने की शिकायतें पुलिस थानों तक पहुंची है, लेकिन इन मामलों को पुलिस ने अपने स्तर पर ही सुलझा दिया है।

छात्रों की काउंसलिंग जरूरी: मनोचिकित्सक जगदीश थापा का कहना है कि 12 से 18 आयु वर्ष के छात्र बहुत ही शरारती और चंचल सौभाव के होते है। इस आयु में चंचलता के कारण कुछ किशोर जाने आने ऐसे हरकत कर देते है जो उन्हें अपराध की ओर ले जाती है। ऐसे किशोरों की काउंसलिंग जरूरी है। उन्हें भलाई और बुराई के बारे में अवगत करवाना जरूरी है।

बच्चों की गतिविधियों पर अभिभावक रखे नजर: एसएसपी जम्मू श्रीधर पाटिल के अनुसार अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखे। बच्चे किसी से मिल रहे है, किसके साथ घूम रहे है। किस से बात कर रहे है, इस बात की जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। पढ़ाई के दौरान छात्रों की पहचान किस प्रकार गोपनीय रखी जानी चाहिए, इसकी जिम्मेदारी शिक्षा संस्थानों की है। पुलिस के पास इससे संबंधित कोई भी शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई की जाती है।


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