Online Acting Workshop: ऑनलाइन अभिनय कार्यशाला जम्मू-कश्मीर के रंगमंच को दिखा गया आशा की किरण
बेशक रंगमंच कर्त विधा है। ऑनलाइन रंगमंच करना या ऑन लाइन रंगमंच कार्यशालाओं से रंगमंच का प्रोत्साहन दिल के बहलाने को ठीक है लेकिन इससे रंगमंच को कोई खासा लाभ होगा यह मात्र दावा ही हो सकता है।
अशोक शर्मा, जम्मू : बेशक रंगमंच कर्त विधा है। ऑनलाइन रंगमंच करना या ऑनलाइन रंगमंच कार्यशालाओं से रंगमंच का प्रोत्साहन दिल के बहलाने को ठीक है लेकिन इससे रंगमंच को कोई खासा लाभ होगा यह मात्र दावा ही हो सकता है। हालांकि पिछले दिनों भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने जम्मू कश्मीर, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के कलाकारों के लिए जनवरी के महीने में ऑनलाइन अभिनय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 2जी इंटरनेट के बीच आयोजित यह कार्यशाला इस मायने से सफल रही कि कोरोना के चलते पिछले नौ महीनों में कोई रंगमंच आयोजन नहीं हुआ था। कलाकारों ने भी शुक्र मनाया कि चलो कुछ तो शुरू हुआ। लद्दाख में 4जी इंटरनेट सुविधा के चलते कलाकारों ने काफी लाभ उठाया।
जम्मू कश्मीर के कलाकारों भारतीय रंगमंच ज्ञानियों शांतनु बोस, भारत गुप्त, सोनम स्टोबिसिस, मुश्ताक काक, राकेश कुमार सिंह और रवि केमू जैसे नामी कलाकारों से रंगमंच की बारीकियों को समझने का मौका मिला। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के 50 कलाकराें ने इस कार्यशाला में जिस तरह का उत्साह दिखाया, उसे देखते हुए राष्ट्रीय नाट्य विद्या इन कलाकारों को लेकर एक बड़ा मंचन करने की सोच रहा है। कलाकार इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि उन्हें एनएसडी की कार्यशाला में भाग लेने का मौका मिला।
कार्यशाला में भाग लेने वालों में सुनिधि शर्मा, डा. रियाज उल हसन, पुनीत कौर, ब्रिघु शर्मा, गौरी ठाकुर, नजीर अहमद, ऋषभ कौल, विशाल हंजुरा, हकीमा बानो, श्वेता, सुनील शर्मा, पायल अरोड़ा, अभिनव शर्मा, समीना कौसर, रक्षिता गुप्ता, बंदना देवी, बंदना देवी तनवीर अहमद भट, आशीष शर्मा, लव आनंद, राजन, कनिका शर्मा, सैफ राशिद, मिलिंद पंडिता, तरुण शर्मा, अहसान अली, अंकित आकाश वली, निखिल सूदन, दानिश, सावन कौल, वैशाली ललोत्रा, तरसेम कुमार, वसीम राजा खान, आजम मोहि उद दीन, अंजलि आनंद, शबर अली, तरुण चाढ़क, मीर सलमान, शाहनवाज भट, मुदसिर अली, क़ैसर मुश्ताक मलिक, शाहिद मलिक, मो. हनीफा, सुमित रैना, मो. अयूब, सऊद अल रशीद पारा, मो. अब्बास, शिवन गुप्ता, हरजिंदर सिंह और संदीप ठाकुर शामिल थे।
सुमन वैद्य ने कहा कि रंगमंच के लिए अनुशासन सबसे जरूरी है। कार्यशाला में भाग लेने वाले कलाकारों ने पूरे अनुशासन के साथ कार्यशाला में भाग लिया। जिन तीन बच्चों को उपस्थिति में कमी के कारण कार्यशाला से निकाला भी गया।यह तो मानना पड़ेगा कि रंगमंच ऑन लाइन संभव नहीं है लेकिन लेकिन रंगमंच को जानने के लिए यह कार्यशाला काफी प्रभावशाली रही है। कोरोना काल के बाद इन कलाकारों के साथ किसी अच्छे नाटक की योजना संभव है। कार्यशाला के संयोजक सुरेश शर्मा ने कहा कि वह रंगमंच की दुनिया में नए कलाकारों को पाकर खुश हैं। हालांकि इंटरनेट की सुविधा एक परेशानी रही लेकिन कलाकारों ने जिस लगन के साथ कार्यशाला में भाग लिया है, यह रंगमंच के लिए उपलब्धि है। प्रतिभागी कलाकारों की सीखने की ललक को देखते हुए कोशिश है कि कोरोना काल के समाप्ति के बाद एक स्तरीय नाटक का मंचन करवाया जाए।वहीं अभिनय कार्यशाला में भाग लेने वाले कलाकारों ने कार्यशाला में भाग लेने के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें कार्यशाला में काफी कुछ नया सीखने का मिला है।सभी प्रशिक्षकों ने शानदार तरीके से प्रशिक्षण दिया। इससे उन्हें आगे मंचन करने में मदद मिलेगी।