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General House Meeting : सुरक्षा की मांग पर कॉरपोरेटराें ने जनरल हाउस की बैठक से किया वाॅकआउट

नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में शहर के वार्ड नंबर 7 की कॉरपोरेटर रितु चौधरी के पति पर हुए हमले को आधार बनाते हुए कारपोरेटरों ने जनरल हाउस में सभी कॉरपोरेटरों को सुरक्षा गार्ड देने का प्रस्ताव लाया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 07:45 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 08:28 PM (IST)
General House Meeting : सुरक्षा की मांग पर कॉरपोरेटराें ने जनरल हाउस की बैठक से किया वाॅकआउट
नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में कॉरपोरेटरों ने अपनी सुरक्षा के मुद्दे को लेकर वॉकआउट कर दिया।

जम्मू, जागरण संवाददाता : नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में कॉरपोरेटरों ने अपनी सुरक्षा के मुद्दे को लेकर वॉकआउट कर दिया। विपक्षियों के अलावा भाजपा के अधिकतर कॉरपोरेटर भी इस मुद्दे के समर्थन में थे। भाजपा के कॉरपोरेेटरों के वॉकआउट से बचने के लिए मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने चाल चली। उसी वक्त जनरल हाउस की बैठक को दिन के खाने के लिए स्थगित कर दिया। इसका असर यह हुआ कि सभी कॉरपोरेटर सीट से उठ गए और मुद्दा टल गया। हालांकि कांग्रेस व निर्दलीय कॉरपोरेटर हाउस से बाहर तक आ गए। कुछ कॉरपोरेटर तो वाॅकआउट के बाद वापस नहीं गए।

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शनिवार को नगर निगम की जनरल हाउस की बैठक में शहर के वार्ड नंबर 7 की कॉरपोरेटर रितु चौधरी के पति पर हुए हमले को आधार बनाते हुए वार्ड नंबर 59 के कॉरपोरेटर अशोक सिंह मन्हास, वार्ड नंबर 29 के कॉरपोरेटर सुरेंद्र सिंह और वार्ड नंबर 16 के कॉरपोरेटर राजेंद्र शर्मा ने जनरल हाउस में सभी कॉरपोरेटरों को सुरक्षा गार्ड देने का प्रस्ताव लाया। कांग्रेस व निर्दलीय कॉरपोरेटरों के अलावा भाजपा के कई कॉरपाेरेटरों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया। निर्दलीय व कांग्रेसी कॉरपोरेटरों ने इस मसले को लेकर वॉकआउट करने और उपराज्यपाल से मिलने के लिए उसकी वक्त रैली निकालने की घोषणा भी कर दी। उन्होंने भाजपा के कॉरपोरेटरों को भी साथ बुलाया।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे मेयर ने स्थिति को हाथ से निकलता देख फौरन हाउस को दिन के खाने के लिए स्थगित कर दिया। नतीजतना कॉरपोरेटरों के बाहर आने से पहले ही हाउस में सभी उठ गए और मुद्दा भटक गया। हालांकि बाद में कुछ निर्दलीय व कांग्रेसी कॉरपोरेटरों ने बाहर आकर मीडिया कर्मियों के सामने बयान भी दिए। चूंकि मीडिया को जनरल हाउस में आने की अनुमति नहीं दी। फिर दो बजे के बाद दोाबारा हाउस की कार्यवाही शुरू हुई। कॉरपोरेटर गार सिंह, सुच्चा सिंह, अशोक सिंह मन्हास वॉकआउट के बाद हाउस में नहीं लौटे। मेयर ने इस दौरान कॉरपोरेटरों को भरोसा दिलाया कि वह इस मसले को उपराज्यपाल से उठाएंगे।

मीडिया से दूरियां क्यों बढ़ा रहे मेयर : पारदर्शिता लाने के लिए एक तरफ नगर निगम अपनी विभिन्न सेवाओं को ऑनलाइन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर जनरल हाउस की बैठक में मीडिया से दूरियां बनाई जा रही हैं। लगातार चौथी बैठक में मीडिया को जनरल हाउस में आने की अनुमति नहीं दी गई। सूत्र बताते हैं कि शहर में अवैध निर्माण और निगम में गड़बड़झाला है। इतना ही नहीं मेयर को बदलने का मुद्दा भी भारतीय जनता पार्टी की बैठक में उठाया जा चुका है। किसी प्रकार का लांछन लगने से बचने के इरादे से मेयर मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं।

जनरल हाउस में कांग्रेसी, निर्दलीय और कई भाजपा काॅरपोरेटरों ने भी मीडिया को हाउस में अाने देने की वकालत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। विपक्षी कॉरपोरेटरों का कहना है कि नगर निगम में सीबीआइ की रेड पड़ी थी। आज तक पता नहीं चला कि आखिर हुआ क्या था? ट्रांसपोर्ट सेक्शन में करोड़ों रुपये की घपलेबाजी हुई है। जो खर्च लाखों में था, वह हजारों में आ गया है। साफ है कि कुछ गड़बड़ है। शहर में कई बड़े निर्माण मिलीभगत से हो रहे हैं। कॉरपोरेटर गौरव चोपड़ा, कांग्रेस के निगम में चीफ व्हिप द्वारका चौधरी का कहना है कि मीडिया से दूरी का साफ मतलब किसी गड़बड़ पर पर्दा डालना है।

राजीव गांधी अस्पताल गंग्याल का नाम महाराजा प्रताप सिंह रखा जाए

वार्ड नंबर 56 के काॅरपोरेटर एवं निगम की पब्लिक हेल्थ एंड सेनिटेशन कमेटी के पूर्व चेयरमैन बलदेव सिंह बलोरिया ने जनरल हाउस में गंग्याल स्थित सरकारी अस्पताल का नाम महाराजा प्रताप सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1922 में महाराजा प्रताप सिंह ने गंग्याल में यह अस्पताल बनवाया था ताकि कुष्ठ रोगियों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा दी जा सके। अब ऐसा कोई मरीज नहीं रहा। यहां नई इमारत भी बन चुकी है। इसे जिला अस्पताल का दर्जा देते हुए इसका नाम महाराजा प्रताप सिंह के नाम पर रखा जाए ताकि अन्य सरकारी अस्पतालों पर बोझ कम किया जा सके। उन्होंने प्रस्ताव में यह भी कहा कि किसी भी सरकारी इमारत के निर्माण अथवा उद्घाटन के मौके पर संबंधित कॉरपोरेटर को आमंत्रित किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उद्घाटन अथवा नींव पत्थर पर भी कॉरपोरेटर का नाम होना चाहिए। इस प्रस्ताव को निगम को मंजूरी दे दी है।


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