गुलाम नबी आजाद को पद्म अवार्ड मिलने पर डा कर्ण सिंह बोले- आजाद की कड़ी मेहनत की सराहना जरूरी
डा. कर्ण सिंह ने आगे कहा सात साल तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने हमारी संसदीय प्रणाली में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई। वह जम्मू क्षेत्र से जम्मू और कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने।
जम्मू, जागरण संवाददाता : पूर्व सदर-ए-रियासत डा. कर्ण सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार अनावश्यक विवाद का विषय नहीं बनने चाहिए। आज यहां जारी एक बयान में, पूर्व सांसद ने कहा, ‘मैं अपने अच्छे दोस्त गुलाम नबी आजाद को पद्म पुरस्कार देने के अनुचित विवाद से व्यथित हूं। इन राष्ट्रीय पुरस्कारों को अंतर-पार्टी विवाद का विषय नहीं बनना चाहिए।
पार्टी के भीतर के तो बहुत कम। मैं गुलाम नबी को आधी सदी से जानता हूं। जब से उन्होंने 1971 में ऊधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए मेरे दूसरे चुनाव अभियान में सक्रिय भागीदार के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वह लगातार काम कर रहे हैं। उन्हें मैंने पीवी नरसिम्हा राव और डा. मनमोहन सिंह मंत्रीमंडल में बतौर केंद्रीय मंत्री काम करते देखा है।
डा. कर्ण सिंह ने आगे कहा, सात साल तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने हमारी संसदीय प्रणाली में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई। इससे पहले, वह जम्मू क्षेत्र से जम्मू और कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने और उनके छोटे कार्यकाल को आज भी दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक रूप से याद किया जाता है। यदि हमारे किसी सहकर्मी को सम्मानित किया जाता है तो उसका स्वागत व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के बजाय गर्मजोशी से किया जाना चाहिए।