Jammu: लॉकडाउन से पहले जुमे पर हुई ईद के लिए जमकर खरीददारी, बाजारों में दिखी रौनक
कुर्बानी के लिए जिन स्थानों पर भी भेड़-बकरों की विशेष तौर पर नीलामी हुई जिसमें कुर्बानी के बकरे व भेड़ हाथों-हाथ बिक गए।
जम्मू, जागरण संवाददाता : ईद-उल-अजहा यानी बकरीद पर शुक्रवार को जमकर खरीदारी हुई। आज शाम छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक लगने वाले लॉकडाउन को देखते हुए बाजारों में आम दिनों के मुकाबले अच्छी रौनक रही। बच्चों, महिलाओं में ईद की खरीदारी को लेकर खासा उत्साह रहा।
लॉकडाउन के चलते इस साल बकरों की खरीददारी भी पिछले कुछ सालों के मुकाबले कुछ कम ही हुई। बाहरी राज्यों से भेड़ बकरियां लेकर भी लोग इस वर्ष जम्मू नहीं पहुंचे। लेकिन आसपास के क्षेत्रों से भेड़, बकरियों को जम्मू लाया गया। शहर में बकरों के दामों में तेजी देखने को मिली। तालाब खटीकां, उस्ताद मोहल्ला, जानीपुर, बठिंडी और दूसरे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बकरीद के लिए बकरा खरीदने वालों की सुबह से ही भीड़ लगी हुई थी।
कुर्बानी के लिए जिन स्थानों पर भी भेड़-बकरों की विशेष तौर पर नीलामी हुई, जिसमें कुर्बानी के बकरे व भेड़ हाथों-हाथ बिक गए। हालांकि, नीलामी में पहुंचे यासीर मुगल, रियाज अहमद आदि ने बताया कि बकरे का दाम अधिक है। कुर्बानी करना फर्ज है। महंगा या सस्ता बकरा तो लेना ही है। उन्होंने बताया कि जो बकरा पिछले साल आठ दस हजार रुपये में बिक रहा था, इस साल पंद्रह हजार से ऊपर ही बिक रहा है।
लॉकडाउन के बावजूद ईद को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। कुछ स्थानों पर महिलाएं महेंदी लगवाती दिखी। खरीददारी करने वालों का कहना कि बेशक लॉकडाउन का असर है लेकिन घरों में तो सभी कार्यक्रम पहले की तरह ही होंगे। बच्चों ने नमाज के लिए तालाब खटिका, भठिंडीं में दुकानों पर डिजाइनर टोपियां, विभिन्न प्रकार के इत्र भी खरीदते हुए लोग नजर आए।
इत्र की दुकानों पर हिना, शमामा, संगे असवत, अल हबीब, सेहरा, महफिल, खुशनुमा और जन्नतुल फिरदौस के अलावा अकबरी गेट पर जन्नत-उल-फिरदौस, अलसूद, अटर शमामा, हिना तीन और तरह-तरह के परफ्यूम विरायटी थी, जिन्हें मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने लिए व उपहार देने के लिए खरीदी। हालांकि खरीदारी करने वालों का कहना है कि बेशक वह कोरोना लाॅकडाउन के चलते अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के घरों में नहीं जा सकेंगे लेकिन लेकिन उनके लिए उपहार खरीद लिए गए हैं। हालात सामान्य होते ही ईद का प्यार भरा यह उपहार उन तक पहुंच जाएगा।
घरों में ही पढ़ें नमाज: बड़ी ईद पर कोरोना संक्रमण के चलते कहीं भी सामूहिक नमाज नहीं होगी। मस्जिदों में ईद नहीं होगी। सभी को घरों में ही नमाज पढ़ने के लिए कहा गया। मोलाना हाफिज मोहम्मद साजिद ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते सभी को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हिदायतों का पूरा ध्यान रखना होगा। हालात ही ऐसे हैं कि सामूहिक नमाज संभव नहीं है। बेहतर होगा कि अपनी, अपने परिवार और साथियों की जान का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी घरों से नमाज पढ़ कर देश दुनिया को कोरोना जैसी महामारी से छुटकारे के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।