कश्मीर में प्रत्याशियों को मिलने लगी सुरक्षित आवासीय सुविधा, उमर और महबूबा ने सवाल उठाए
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर में पंचायत व नगर निकाय उपचुनावों और जिला विकास परिषद (डीडीसी)के चुनावों में भाग ले रहे प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षित आवासीय सुविधा कराना शुरू कर दी है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर में पंचायत व नगर निकाय उपचुनावों और जिला विकास परिषद (डीडीसी)के चुनावों में भाग ले रहे प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षित आवासीय सुविधा कराना शुरू कर दी है। अलबत्ता, कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि उन्हें सुरक्षा के नाम पर कैद किया जा रहा ताकि वे चुनाव प्रचार न कर सकें। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाए कि गैर भाजपा उम्मीदवारों को सुरक्षाके नाम पर होटलों में कैद, चुनाव प्रचार से रोका जा रहा है।
प्रदेश में छह हजार उम्मीदवारों पर पंचायत उपचुनाव और डीडीसी चुनाव के पहले दो चरणों के लिए नामाकन जमा कराया है। इनमें दो हजार ने डीडीसी व सरपंच हल्कों के लिए नामाकन जमा कराया है। शेष अन्य पंच हल्कों के उम्मीदवार हैं। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने दो दिन पहले बैठक में उम्मीदवारों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया है।
गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को सभी उम्मीदवारों की सूची तैयार करने और आतंकी खतरे का आकलन कर सुरक्षा कवच तैयार करने का निर्देश दिया है। उम्मीदवारों को होटलों, सुरक्षा शिविरों के आसपास उपलब्ध सुरक्षित कॉलोनियों, सरकारी क्वार्टरों में रखा है।
डीडीसी चुनाव में हिस्सा लेने वाले
उम्मीदवारों को श्रीनगर रखा : एक अधिकारी ने बताया कि डीडीसी चुनाव में हिस्सा ले रह अधिकाश उम्मीदवारों को श्रीनगर में ही रखा है। उत्तरी और दक्षिण कश्मीर के कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी आतंकी खतरे के मद्देनजर श्रीनगर में ठहराया है। जिलास्तर पर भी प्रत्याशियों को सुरक्षित जगहों पर रखा जा रहा है। कई उम्मीदवारों ने प्रशासन पर सुरक्षा कवच व सुरक्षित आवासीय सुविधा की आड़ में उन्हें चुनाव प्रचार से वंचित किए जाने काआरोप लगाया है। खाग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि उसे सुरक्षा क नाम पर एक होटल में कैदी बनाकर रखा है। जब वह चुनाव प्रचार पर निकलने की बात करता है तो सुरक्षा का हवाला देकर रोका जाता है। भाजपा उम्मीदवारों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है, उन्हें प्रचार के लिए पुलिस सुरक्षा बंदोबस्त और बुलेट प्रूफ वाहन दिया जा रहा है। उमर और महबूबा को घेरा :
नेका उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सुरक्षा के नाम पर गैर भाजपा उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार से रोके जाने पर कड़ा एतराज जताया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन भाजपा और हाल ही में गठित एक राजनीतिकि पार्टी की मदद करने लिए गैर भाजपा उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम पर बंधक बना रहा है। अगर प्रचार के लिए हालात सुरक्षित नहीं हैं तो फिर चुनावों का एलान करने की तुक क्या है। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि गैर भाजपा उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम कैद कर,चुनाव प्रचार से रोका जा रहा है। भाजपा और उसके सहयोगियों को हर संभव मदद दी जा रही है। क्या यह वही लोकतंत्र है।