Jammu Kashmir: उमर अब्दुल्ला का ट्वीट- सिख और मुस्लिम समुदाय के बीच दरार पैदा करने से प्रदेश में नुकसान होगा
कश्मीर में दो सिख लड़कियों के मतांतरण की जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम नासिर उल इस्लाम ने कर्ड़ी निंदा की। उन्होंने मामले की जांच की मांग की है। सिख संगठनों ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर जम्मू कश्मीर में कड़ा कानून बनाने की मांग की।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में दो सिख लड़कियों के मतांतरण की जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम नासिर उल इस्लाम ने कर्ड़ी निंदा की। उन्होंने मामले की जांच की मांग की है। सिख संगठनों ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर जम्मू कश्मीर में कड़ा कानून बनाने की मांग की।
नासिर उल इस्लाम ने कहा कि सिख भाई कश्मीर समाज का अहम हिस्सा हैैं। इस्लाम में जबरन मतांतरण के लिए कोई जगह नहीं है। जबरन मतांतरण इस्लाम में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस्लाम में कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से आ सकता है और इसके लिए कोई जबरदस्ती नहीं है। किसी को भी दूसरे के धर्म का अपमान करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
समुदायों में खाई पैदा करने की कोशिश
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिख और मुस्लिम समुदाय के बीच दरार पैदा करने के प्रयास से प्रदेश में ऐसा नुकसान होगा जिसकी कभी भरपाई नहीं होगी। उमर ने ट्वीट में लिखा, मुझे उम्मीद है कि प्रशासन तनाव वाले मामले की जांच करेगा। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता र्रंवद्र शर्मा ने उपराज्यपाल से मामले की निष्पक्ष जांच करवाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अंतर जातीय विवाह कानून लागू करने की भी मांग
ऑल पार्टी सिख कोआर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन जगमोहन सिंह रैना ने कहा कि हमारी मांग है कि जम्मू-कश्मीर में अंतर जातीय विवाह कानून लागू किया जाए। हम इस मांग को उपराज्यपाल के समक्ष उठाएंगे। सिख यूनाइटेड फ्रंट के प्रधान सुदर्शन सिंह ने कहा कि मतांतरण का मामला गंभीर है। जम्मू के गाडीगढ़ क्षेत्र में सिख समुदाय ने इस मामले पर प्रदर्शन किया।