Hyderpora Encounter: धरने पर बैठे उमर अब्दुल्ला ने कहा- शवों को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपे पुलिस
उमर अपने गुपकार आवास से कुछ मीटर की दूरी पर सोनावर के एक स्थानीय पार्क में पार्टी नेताओं के साथ धरने पर बैठे।उन्होंने धरना मुठभेड़ में मारे गए लोगों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंपने से सरकार के इनकार के खिलाफ दिया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वीरवार को कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए नागरिकों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंप दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा दिए गए जांच के आदेश में घटना का सच सामने आएगा।
उमर अपने गुपकार आवास से कुछ मीटर की दूरी पर सोनावर के एक स्थानीय पार्क में पार्टी नेताओं के साथ धरने पर बैठे।उन्होंने धरना मुठभेड़ में मारे गए लोगों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंपने से सरकार के इनकार के खिलाफ दिया। उमर ने कहा कि वह हंदवाड़ा में दबे लोगों के शवों के अलावा कुछ नहीं मांग रहे। नेकां नेता ने कहा कि उन्होंने धरना नहीं देने का फैसला किया था, लेकिन कल शाम जिस तरह से मारे गए लोगों के परिवारों के साथ व्यवहार किया गया, वह खुद को नियंत्रित नहीं कर सके और आवाज उठाने का फैसला किया।
परिवारों को पहले एसपी कार्यालय और फिर पीसीआर में बुलाया गया और फिर दो- तीन दिनों तक इंतजार करने के लिए कहा गया। इसलिए उनके पास परिवारों द्वारा किए जा रहे विरोध में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जांच के आदेश दिए हैं और उन्हें उम्मीद है कि जांच तथ्यों पर और पारदर्शी तरीके से होगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खुद स्वीकार किया है कि क्रॉस फायर में नागरिक मारे गए थे। मैं चाहता हूं कि उनके शव हंदवाड़ा से निकाले जाएं और अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंपे जाएं।
हाइब्रिड आतंकियों के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह सरकार का नृत्व करते थे तो उन्होंने एकीकृत मुख्सालय की बैठकों की अध्यक्षता की थी। बहुत सारी खुफिया रिपोर्टें पढ़ी हैं और मैं दुनिया भर में होने वाली घटनाओं को देखता हूं लेकिन मैंने हाइब्रिड आतंकियों के बारे में नहीं सुना है। मुझे समझाना चाहिए कि इसका क्या मतलब है। उमर ने कहा कि वह मारे गए लोगों के परिवार के संपर्क में हैं और उन्हें कश्मीर के आईजीपी ने आश्वासन दिया है कि उनके प्रियजनों के शव वापस कर दिए जाएंगे। एेसे में धरना जारी रखने का कोई मकसद नहीं है। मेरा उद्देश्य कोई कानून-व्यवस्था या कोई अन्य मुद्दा पैदा करना नहीं था। आशा है कि इन परिवारों को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा, उनका एकमात्र मकसद यह था कि उन लोगों की तरह कोई अन्य परिवार पीड़ित न हो, जो प्रेस एन्क्लेव में कड़ाके की ठंड में विरोध कर रहे थे।