Jammu: किसान मेला संपन्न, अब तकनीक को खेत में ले जाने की जरूरत
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पहली बार जम्मू में पांच दिवसीय किसान मेला लगा जिसमें खेती की एक एक तकनीकी से किसान रूबरू हुए। उम्मीद है कि किसान अब इस तकनीक को खेत तक ले जाएंगे और नए जमाने की खेती करेंगे।
जम्मू, जागरण संवाददाता : शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर, साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (स्कास्ट) जम्मू के चट्ठा कैंपस में चल रहा पांच दिवसीय मेला शनिवार को संपन्न हो गया। समापन समारोह में स्कास्ट के उपकुलपति प्रो. जेपी शर्मा मुख्य अतिथि थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पहली बार जम्मू में पांच दिवसीय किसान मेला लगा, जिसमें खेती की एक एक तकनीकी से किसान रूबरू हुए। उम्मीद है कि किसान अब इस तकनीक को खेत तक ले जाएंगे और नए जमाने की खेती करेंगे।
उन्होंने कहा कि मेहनत से किसान अपनी आमदनी चार गुना तक बढ़ा सकते हैं, यह विश्वास उनको उन्नत किसानों से मिलने के बाद आया। कुछ किसान तो बहुत ही कमा रहे हैं। अगर किसान कुछ करने पर आ जाए तो कोई भी मंजिल किसानों से दूर नहीं। उन्होंने मेले में आने वाले किसानों को आभार व्यक्त किया। कहा कि जो मेले में पाया, उसे खेत में लागू कराया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। घास-फूस ही कृषि नहीं है, बल्कि इसमें कई किस्म का विज्ञान शामिल है। ग्रामीण युवाओं से कहा कि वे आगे आएं और कृषि क्षेत्र में काम करें, क्योंकि आने वाला समय कृषि का ही है। इसी के बल पर भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
मौके पर कृषि विभाग के निदेशक केके शर्मा ने कहा कि अब समय आ गया है कि किसानों को कृषि उद्यमी बनना होगा। इसी से ही किसानों का विकास हो सकेगा। वहीं बागवानी विभाग के निदेशक राम सावक ने भी अपने विचार रखे। इससे पूर्व उन्नत किसानों को ईनाम देकर सम्मानित किया गया। प्राइवेट स्टालों में किसान ढूंडा सिंह को पहला स्थान मिला। वहीं बेहतर किसानी के लिए जम्मू के किसान मुक्कदर सिंह, राजेंद्र प्रसाद, विक्रांत चाढ़क को सम्मानित किया गया।
मोहन सिंह की गाय पहले स्थान पर : किसान मेले में लगी पशु प्रदर्शनी में त्रिकुटा नगर के जोहल डेयरी की गाय ने पहला स्थान पाया। एचएफ ब्रीड की यह साढ़े चार साल की गाय 60 किलो दूध दे रही है। मोहन सिंह ने बताया कि इस गाय का खास ख्याल रखा जाता है। खुराक में भी पूरा ख्याल रखना पड़ता है।