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Kashmir Terrorism: कुपवाड़ा में अब आतंकियों को नहीं मिलेगी पनाह, जीओसी बोले- बदल रहा है कुपवाड़ा

बीते एक साल में कुपवाड़ा से कोई भी युवक आतंकी नहीं बना है। यह दावा सेना की 28 डिवीजन के जीओसी (जनरल कमांडिंग ऑफिसर) एडीएस आहूजा ने मच्छल मेले में बातचीत में कहा है। मच्छल एलओसी के साथ सटा हुआ है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 10:06 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 10:14 AM (IST)
Kashmir Terrorism:  कुपवाड़ा में अब आतंकियों को नहीं मिलेगी पनाह, जीओसी बोले- बदल रहा है कुपवाड़ा
गेटवे ऑफ मिलिटेंसी के नाम से कुख्यात रहा कुपवाड़ा

श्रीनगर,  राज्य ब्यूरो।  गेटवे ऑफ मिलिटेंसी के नाम से कुख्यात रहा कुपवाड़ा अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। हालांकि, इसके सामने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार इस समय भी करीब 250 आतंकी घुसपैठ की फिराक में लांचिग पैड पर जमे हैं, लेकिन कुपवाड़ा में अब आतंकियों को कोई पनाह नहीं देगा। स्थानीय लोग आतंकवाद के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं।

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यही कारण है कि बीते एक साल में कुपवाड़ा से कोई भी युवक आतंकी नहीं बना है। यह दावा सेना की 28 डिवीजन के जीओसी (जनरल कमांडिंग ऑफिसर) एडीएस आहूजा ने मच्छल मेले में बातचीत में कहा  है। मच्छल एलओसी के साथ सटा हुआ है।

आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सेना मच्छल में भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों व रिहायशी इलाकों पर अक्सर गोलाबारी करती रहती है। आहूजा ने कहा कि कुपवाड़ा लगभग तीन दशकों तक आतंक का गढ़ रहा है। अब यहां हालात लगभग सामान्य हैं और यह कश्मीर के सबसे शांत जिलों में शामिल हो चुका है।

यहां बीते एक साल से शायद ही कभी कोई राष्ट्रविरोधी हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला होगा। पत्थरबाजी बंद हो चुकी है, आतंकी संगठनों में नए लड़कों की भर्ती भी नहीं हो रही है। यह सब कश्मीर में बदलते हालात और अच्छे दिनों की आमद का संकेत है। इसका यह मतलब नहीं कि सबकुछ पूरी तरह सामान्य हो चुका है, बल्कि पाकिस्तान और उसके इशारे पर चलने वाले आतंकियों व अलगाववादियों की हताशा बढ़ चुकी है। हमें पहले से ज्यादा चौकस रहने की जरूरत है।

महिला सैन्यकर्मियों की तैनाती पर आहूजा ने कहा कि करनाह, टीटवाल, टंगडार जैसे इलाकों में राष्ट्रविरोधी तत्व हथियारों और नशीले पदार्थो की तस्करी व हवाला राशि को इधर-उधर ले जाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए महिला सैन्यकर्मी तैनात की गई हैं। ये किसी भी संदिग्ध महिला से पूछताछ करने व तलाशी लेने की जिम्मेदारी निभा रही है। राज्य पुलिस की महिला कांस्टेबल और महिला एसपीओ भी महिला सैन्यकर्मियों के साथ ड्यूटी दे रही हैं।

हथियार फेंकने के लिए ड्रोन का सहारा:

पाकिस्तानी सेना और आतंकी सरगना जम्मू कश्मीर में हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में भी ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी का प्रयास हुआ है। कुपवाड़ा में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

विंटर व्हाइट कवर का तोड़ है हमारे पास:

पिछले वर्ष सर्दी के मौसम में केरन सेक्टर में मारे गए घुसपैठियों से मिली सफेद गर्म वर्दी के बारे में जीओसी ने कहा कि ऐसी वर्दी सैन्य कर्मी पहनते हैं। आतंकियों के पास से विंटर कवर की बरामदगी का मतलब यही है कि पाकिस्तानी सेना उनकी मदद करती है। हमारे पास विंटर व्हाइट कवर लेकर घुसपैठ करने वाले आतंकियों को पता लगाने के उपकरण हैं। 


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