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Jammu Kashmir : अब सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को फंसा रहे आतंकी संगठन

कश्मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई से पस्त हुए आतंकी संगठन अब सोशल मीडिया के जरिये आतंकियों की आनलाइन भर्ती करने पर उतर आए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 10:37 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 10:51 AM (IST)
Jammu Kashmir : अब सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को फंसा रहे आतंकी संगठन
Jammu Kashmir : अब सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को फंसा रहे आतंकी संगठन

श्रीनगर, नवीन नवाज । कश्मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई से पस्त हुए आतंकी संगठन अब सोशल मीडिया के जरिये आतंकियों की आनलाइन भर्ती करने पर उतर आए हैं। यह सब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और जिहादी संगठनों के इशारे पर हो रहा है। साजिश यह भी है कि आनलाइन भर्ती किए गए आतंकियों को संगठन में पूरी तरह सक्रिय करने से पहले उनसे बतौर ओवरग्राउंड वर्कर यानी ओजीडब्ल्यू और स्लीपर सेल के रूप काम कराया जाता है। इस साजिश का पर्दाफाश नगरोटा मुठभेड़ के बाद पकड़े गए छात्र सुहेल जावेद लोन वानी से पूछताछ के आधार पर हुआ है। वह चंडीगढ़ के एक कॉलेज में बीएससी का छात्र है।

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चंडीगढ़ में पढ़ने वाली कश्मीरी छात्र सुहेल सोशल मीडिया से जुड़ा था जैश से

जम्मू कश्मीर में बीते 30 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब कश्मीर में किसी आतंकी संगठन द्वारा आनलाइन या सोशल मीडिया के जरिए भर्ती किया गया कोई आतंकी या ओजीडब्ल्यू पकड़ा गया हो। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नगरोटा के पास बन टोल प्लाजा पर 31 जनवरी को सुरक्षाबलों ने एक ट्रक में छिपकर कश्मीर जा रहे जैश-ए-मोहम्मद के तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था। पुलिस ने ट्रक चालक समीर डार व उसके दो साथियों को पकड़ा था। इसी मामले में सुहेल को पकड़ा गया था। इस मामले की जांच एनआइए कर रही है।

एनआइए से जुडे़ सूत्रों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद जम्मू कश्मीर में न सिर्फ जिहादी गतिविधियों में पूरी तरह प्रशिक्षित आतंकियों को विभिन्न रास्तों से भेज रहा है, बल्कि वह कश्मीर के पढ़े लिखे युवाओं की सोशल मीडिया पर प्रोफाइल खंगाल रहा है। अगर इस दौरान उसे जिहादी मानसिकता से ग्रसित कोई युवक मिल गया तो उससे संवाद व संपर्क बढ़ाया जाता है। बाद में आतंकी संगठन में बतौर जिहादी आनलाइन भर्ती किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि 11 फरवरी को पकड़ा गया छात्र सुहेल भी जैश में आनलाइन ही भर्ती हुआ है।

पाक में बैठे अबू हमजा के संपर्क में था सुहेल

एनआइए से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुहेल शायद कभी नहीं पकड़ा जाता, अगर उसने समीर डार के साथ सोशल मीडिया पर संपर्क नहीं किया होता। उन्होंने बताया कि 30-31 जनवरी की रात को सांबा में बसंतर दरिया से समीर डार पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर अबु हमजा के निर्देशानुसार पाकिस्तान से आए तीन आतंकियों को ट्रक में लेकर निकला था। तीनों आतंकियों के पास पांच किलो की एक शक्तिशाली आइइडी थी। यह आइइडी सांबा में लगाई जानी थी, लेकिन समीर भूल गया और इंटरनेट कनेक्टिविटी पर्याप्त न होने के कारण अबु हमजा भी उसे इस बारे में सही निर्देश नहीं दे पाया था। इस पर उसने अंबाला में सुहेल जावेद लोन से सोशल मीडिया पर संपर्क किया। बड़गाम जिले के वगर गांव का रहने वाले सुहेल ने फोन के जरिए समीर से संपर्क करने के अलावा उसके एक संदेश भी भेजा और अबु हमजा का निर्देश बताया। इस पर समीर ने नगरोटा के पास हाइवे पर एक जगह आइइडी को छिपाकर वहां निशानी के तौर पर लाल रस्सी बांधी और उसकी तस्वीर खींचकर अपने हैंडलर को वीपीएन के जरिए भेजी थी।

सुहेल की गिरफ्तारी बड़े खतरे का संकेत

एसएसपी रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि सुहेल जावेद लोन की गिरफ्तारी एक बड़े खतरे का संकेत देती है। उस जैसे कुछ और होंगे, इससे इन्कार करना मुश्किल है। जिहादी संगठन अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल यहां के युवकों में जिहादी मानसिकता को पैदा करने के लिए ही नहीं, बल्कि उनकी भर्ती के लिए भी कर रहे हैं। पहले यह तरीका सिर्फ अलकायदा और आइएसआइएस जैसे खूंखार आतंकी संगठन अपनाते थे। बीते एक दशक के दौरान जिस तरह से जिहादी तत्वों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने कश्मीर में स्थानीय युवकों में सोशल मीडिया के जरिए जिहादी मानसिकता का बीज बोया है, सुहेल उसी बीज से तैयार हुआ एक पौधा है। ऐसे और कितने पौधे हैं, यह पता लगाना जरूरी है।

जैश ने फेसबुक पर सुहेल से किया था संपर्क

सुहेल से पूछताछ के आधार पर सूत्रों ने बताया कि जैश ने फेसबुक पर उसके प्रोफाइल को देखा था। इसके बाद काफी समय तक उससे फेसबुक पर ही संवाद किया गया। जिहादी आकाओं को जब यकीन हो गया कि सुहेल पूरी तरह र्से ंहदुस्तान के खिलाफ है और जिहादी मानसिकता का है, तो उसे जैश में शामिल होने की दावत दी गई। सुहेल ने इसे कबूल कर लिया।

ओजीडब्ल्यू नए लड़कों की करते हैं निशानदेही

आतंकरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आनलाइन भर्ती आसान व सुरक्षित है। ओवरग्राउंड वर्कर ही मुख्यतौर पर जिहादी संगठनों के लिए नए लड़कों की निशानदेही करते हैं। घाटी में बीते एक साल के दौरान आतंकी संगठनों का ओवरग्राउंड नेटवर्क लगभग धवस्त हो चुका है। इसलिए जिहादी संगठन अब आनलाइन भर्ती कर रहे हैं। सुहेल जावेद लोन ने इसी साजिश की पुष्टि की है। कश्मीर के सैकड़ों छात्र इस समय जम्मू, पंजाब, दिल्ली समेत विभिन्न जगहों पर पढ़ाई कर रहे हैं, कश्मीरी लोग देश के विभिन्न हिस्सों में कारोबार कर रहे हैं और वह वहां सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। सुहेल अंबाला में था और वह वहां से पाकिस्तान में बैठे आतंकी कमांडरों व कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के बीच एक कड़ी के रूप में काम कर रहा था।


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