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अब आतंकियों की नई पनाहगाह बना श्रीनगर, इस वर्ष सुरक्षाबलों ने 21 मुठभेड़ों में 15 आतंकियों को किया ढेर

टीआरएफ पीएएफएफ कश्मीर टाइगर्स जैसे नए आतंकी संगठनों ने अपना पूरा ध्यान श्रीनगर पर ही केंद्रित रखा है। टीआरएफ के मारे गए कमांडर अब्बास शेख ने कथित तौर पर श्रीनगर में दो से तीन दर्जन हाईब्रिड आतंकी तैयार किए हैं यह दावा किया जाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 07:37 AM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 08:45 AM (IST)
अब आतंकियों की नई पनाहगाह बना श्रीनगर, इस वर्ष सुरक्षाबलों ने 21 मुठभेड़ों में 15 आतंकियों को किया ढेर
श्रीनगर में आतंकी हमलों में सात पुलिसकर्मी बलिदानी हुए हैं। 10 नागरिकों को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा है।

श्रीनगर, नवीन नवाज : दक्षिण कश्मीर में तहस नहस हुए आतंकी नेटवर्क के बाद जान बचाते फिर रहे आतंकियों ने अब श्रीनगर को नई पनाहगाह बनाना शुरूकर दिया है। इस वर्ष अब तक 20 से अधिक मुठभेड़ें श्रीनगर में हो चुकी हैं। पुलिस भी श्रीनगर जिले में सक्रिय नौ मोस्टवांटेड आतंकियों की सूची जारी कर चुका है। इसमें सात आतंकी श्रीनगर और साथ सटे इलाकों के थे। दो दशकों में यह पहला मौका है जब श्रीनगर में सबसे अधिक आतंकी हैं। जबकि अगस्त 2020 में पुलिस ने श्रीनगर को आतकंवाद मुक्त बताया था।

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14 अगस्त 2019 को लेथपोरा पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद वादी में अब तक सबसे बड़ा हमला श्रीनगर के जेवन में 13 दिसंबर को हुआ जिसमें तीन पुलिसकर्मी बलिदानी और 15 अन्य जख्मी हुए थे। श्रीनगर में बीते साल सिर्फ नौ मुठभेड़ हुई थी जिनमें 20 आतंकी मारे गए थे। इस वर्ष अब तक श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने 21 मुठभेड़ों में 15 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें तीन विदेशी भी हैं। श्रीनगर में विभिन्न आतंकी हमलों में सात पुलिसकर्मी बलिदानी हुए हैं। 10 नागरिकों को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा है।

ओवरग्राउंड वर्करों की संख्या 100 के पास : विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में सक्रिय आतंकी बेशक सात से आठ हैं, लेकिन श्रीनगर में छिपे आतंकियों की तादाद सक्रिय आतंकियों से ज्यादा है। श्रीनगर में हाईब्रिड आतंकियों और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों की संख्या 100 के पास पहुंच चुकी है। इन्हें चिन्हित करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि श्रीनगर में कुछ महीनों में सुरक्षाबलों को विभिन्न स्थानों पर नए बंकर और नए नाके लगाने पड़े हैं। केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की 50 अतिरिक्त कंपनियों को बुलाया है। बीएसएफ फिर विभिन्न इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने से लेकर आतंकरोधी अभियानों में भी नजर आने लगी है।

श्रीनगर में वारदात का अधिक प्रचार मिलता : आतंकरोधी अभियानों के विशेषज्ञ पूर्व पुलिस महानिरीक्षक अशकूर वानी ने कहा कि श्रीनगर हमेशा से आतंकियों के निशाने पर रहा है। श्रीनगर में किसी भी आतंकी वारदात को प्रचार खूब मिलता है। शायद यही साजिश न हो। इसके अलावा अगर आप कश्मीर में आतंकी ङ्क्षहसा का अध्ययन करें तो पता चलेगा कि आतंकी समय-समय पर कुछ इलाकों में अपनी गतिविधियों को केंद्रित रखते हैं। सुरक्षाबलों ने जब उत्तरी कश्मीर में उनकी नकेल कसना शुरू कर दी तो आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर को गतिविधियों का केंद्र बनाया। अब दक्षिण कश्मीर में बचे खुचे आतंकियों ने जान बचाने के लिए श्रीनगर और साथ सटे इलाकों को चुना है। वादी के हर हिस्से से रोज हजारों वाहन और नागरिक श्रीनगर में आते जाते हैं, इनमें कौन आतंकी है और कौन उनका मददगार, यह चिन्हित करना मुश्किल होता है। कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ बिलाल बशीर ने कहा कि श्रीनगर में आतंकी घटना पूरे कश्मीर के आतंकग्रस्त होने का संकेत देती है। लोगों में संदेश जाता है कि आतंकी अगर राजधानी शहर में दनदना रहे हैं तो अन्य की स्थिति क्या होगी।

कई नए आतंकी संगठनों का ध्यान श्रीनगर की तरफ : एक सामान्य ङ्क्षजदगी जी रहे एक पूर्व आतंकी ने कहा कि वर्ष 2005-06 के बाद आतंकियों को श्रीनगर में कोई स्थायी ठिकाना और नया विश्वसनीय कैडर नहीं मिल रहा था। वादी के अन्य हिस्सों से आकर आतंकी शहर में वारदात को अंजाम देते थे या फिर हारवन में सक्रिय गुट कभी कभार शहर में आकर अपनी उपस्थिति का अहसास कराता था। करीब पांच साल पहले मेहराजुदीन बांगरु द्वारा आतंकी बन गया। उसके बाद श्रीनगर के हालात बदल गए। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया का जमाना है और इसे आतंकी सरगनाओं को श्रीनगर में अपने लिए जमीन तैयार करने में पूरी मदद मिली है। टीआरएफ, पीएएफएफ, कश्मीर टाइगर्स जैसे नए आतंकी संगठनों ने अपना पूरा ध्यान श्रीनगर पर ही केंद्रित रखा है। टीआरएफ के मारे गए कमांडर अब्बास शेख ने कथित तौर पर श्रीनगर में दो से तीन दर्जन हाईब्रिड आतंकी तैयार किए हैं, यह दावा किया जाता है।

आतंकवाद मुक्त की रणनीति : जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकी गतिविधियों का आकलन करते हुए श्रीनगर को आतंकवाद मुक्त बनाने की रणनीति को पूरी तरह लागू किया गया है औार यही कारण है कि हारवन में लश्कर का कुख्यात आतंकी सैफुल्ला उर्फ अबु खालिद मारा गया है।  


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