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Jammu and Kashmir: अब संपत्ति नहीं छिपा सकेंगे बड़े बाबू

Jammu and Kashmir. आइएएस और आइपीएस अफसरों को प्रतिवर्ष एक फार्म पर अपनी व अपने परिजनों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना होता है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 06:30 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 06:30 PM (IST)
Jammu and Kashmir: अब संपत्ति नहीं छिपा सकेंगे बड़े बाबू
Jammu and Kashmir: अब संपत्ति नहीं छिपा सकेंगे बड़े बाबू

जम्मू, राज्य ब्यूरो। Jammu and Kashmir. जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक अधिकारी अब अपनी संपत्ति को छिपा नहीं पाएंगे। राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों को अपनी संपत्ति रिपोर्ट (आइपीआर) दाखिल करने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही, अब आइएएस और आइपीएस अफसरों को केंद्र में प्रतिनियुक्ति को भी अनिवार्य बनाया गया है। अगर प्रशासनिक अधिकारी इन शर्तों का पालन नहीं करते हैं तो उनकी पदोन्नति तो रोक ही दी जाएगी। साथ ही, कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।

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गौरतलब है कि पूर्व में जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक अधिकारी सियासी गठजोड़ के बूते केंद्र की प्रतिनियुक्ति से बचते रहते थे। साथ ही, अपनी संपत्ति का खुलासा करने से कतराते थे। अभी तक जम्मू-कश्मीर के 35 आइएएस और आइपीएस अफसरों ने अपनी आइपीआर दाखिल नहीं की है। ऐसे 19 आइएएस और 16 आइपीएस अधिकारियों को अगले वर्ष 31 जनवरी तक ऑनलाइन आइपीआर भरने का नोटिस थमाया गया है।

आइएएस और आइपीएस अफसरों को प्रतिवर्ष एक फार्म पर अपनी व अपने परिजनों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना होता है। यह ब्यौरा देने से परहेज करने वाले अफसरों में सभी वर्ष 1993 से 2016 के बीच बैच से हैं। इनमें से चार सचिव और आयुक्त रैंक के हैं और चार राज्य के जिलों में जिला उपायुक्त की बागडोर संभाल रहे हैं। इस सूची में नौकरशाही छोड़ सियासत में सक्रिय हुए डा. शाह फैसल भी कथित तौर शामिल हैं। इसके अलावा कुछ अफसर रिटायर भी हो चुके हैं।

10 साल के बाद पांच साल के लिए केंद्र में लेनी होगी प्रतिनियुक्ति

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने तय किया है कि आइएएस और आइपीएस अधिकारी को दस साल की सेवा के बाद पांच साल केंद्र में प्रतिनियुक्ति अनिवार्य लेनी होगी। ऐसा न करने पर इन अफसरों की पदोन्नति रोक दी जाएगी। अनुच्छेद 370 की आड़ में सरकारी अफसर राजनीतिक संरक्षण की आड़ लेकर इन तमाम नियमों को ताक पर रखते थे।

केंद्रीय मंत्रियों पर भी लागू है नियम

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों ने अपना ब्यौरा पहले से लागू कर दिया है। लोग अब ऑनलाइन इसकी जानकारी पा सकते हैं। सभी संबधित अधिकारी भी संपत्ति का ब्यौरा आसानी से जमा करा सकें इसके लिए आइपीआर का ऑनलाइन सरल माडयूल भी तैयार किया है। 

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