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Kashmir: अब शहीद अब्दुल हमीद चारा के नाम पर जाना जाएगा कुपवाड़ा आर्मी गुडविल स्कूल

12 जून 2007 को सेना के जवानों की कुपवाड़ा जिले अंदरनाड़ गगल में आतंकियों के साथ भीषण मुठभेड़ हुई। दो आतंकी घेराबंदी तोड़कर भाग रहे थे। अब्दुल हमीद ने उनका रास्ता रोकने के लिए जैसे ही आगेे बढ़ने का प्रयास किया आतंकियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 07:58 AM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 01:10 PM (IST)
Kashmir: अब शहीद अब्दुल हमीद चारा के नाम पर जाना जाएगा कुपवाड़ा आर्मी गुडविल स्कूल
अब्दुल हमीद चारा का नाम उनके पिता ने परमीवर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के नाम से रखा था।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ सटे कुपवाड़ा के चंदीगाम गांव में स्थित आर्मी गुडविल स्कूल का नाम अब अब्दुल हमीद चारा आर्मी गुडविल स्कूल हो गया है। शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद राइफलमैन अब्दुल हमीद चारा के बलिदान और बहादुरी को युवा पीढ़ी के लिए हमेशा जीवंत बनाए रखने के लिए सेना ने मंगलवार को शहीद के नाम पर स्कूल का नामकरण किया है।

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जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले प्रदेश के पुलिसकॢमयों, सैन्यकर्मियों व अर्धसैनिकबल के जवानों के नाम पर विभिन्न स्कूलों का नामकरण करने का फैसला किया है। चारा के नाम पर भी स्कूल का नामकरण इसी अभियान का हिस्सा है।

आतंकियों का काल था चारा : अब्दुल हमीद चारा के भीतर देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। लोलाब घाटी के दर्दपोरा गांव में 1975 को जन्मे अब्दुल हमीद चारा का नाम उनके पिता ने परमीवर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के नाम से प्रभावित होकर ही रखा था। 1995 के दौरान अल-बरक के आतंकियों ने उसे अगवा कर अपने संगठन में भर्ती किया था, लेकिन वह दो दिन बाद ही आतंकियों को छोड़ सुरक्षाबलों के पास पहुंच गए। उसके बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस विशेष अभियान दल के साथ मिलकर लोलाब घाटी में सक्रिय कई नामी आतंकियों के सफाए में अहम भूमिका निभाई। कुछ समय बाद उन्हें सेना की 162 टीए बटालियन में भर्ती किया गया और सेना की 18 आरआर के साथ जुड़कर वह आतंकियों के सफाए में नए जोश से जुट गया। वह आतंकियों की हिटलिस्ट में सबसे ऊपर थे। आतंकियों ने उनकी हत्या के लिए एक आइइडी भी लगाई, लेकिन वह बच गए। इससे हताश हो आतंकियों ने उनके पिता लालदीन चारा की वर्ष 2004 में हत्या की दी थी।

लश्कर के मूसा को भेजा था 72 हूरों के पास : 12 जून, 2007 को सेना के जवानों की कुपवाड़ा जिले अंदरनाड़, गगल में आतंकियों के साथ भीषण मुठभेड़ हुई। दो आतंकी घेराबंदी तोड़कर भाग रहे थे। अब्दुल हमीद ने उनका रास्ता रोकने के लिए जैसे ही आगेे बढ़ने का प्रयास किया, आतंकियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। अब्दुल हमीद गोलियां लगने से जख्मी हो गए, लेकिन मैदान नहीं छोड़ा। जख्मी होने के बावजूद उन्होंने आतंकियों का डटकर मुकाबला किया और एक आतंकी मूसा को मार गिराया। मूसा उस समय उत्तरी कश्मीर में लश्कर के मोस्ट वांटेड आतंकियों में एक था। अब्दुल हमीद चरा को उसकी राष्ट्रभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी के लिए मरणोपरांत शौर्यचक्र से सम्मानित किया गया था।

हमेशा कहते थे जिंदगी और मौत इज्जत की ही चाहिए : आर्मी गुडविल स्कूल चंदीगाम का अपने शहीद पति के नाम पर नामकरण किए जाने के मौके पर वीर नारी गुलशन अख्तर ने कहा कि वह हमेशा कहते थे कि मुझे इज्जत की जिंदगी और इज्जत की मौत चाहिए। हमें सुकून है कि उन्हें दोनो मिले। आज यहां मेरे शहीद खाविंद के नाम पर स्कूल का नाम रखा गया है। यह उसकी कुर्बानी को हमेशा जिंदा रखेगा। शहीद के बेटी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरे पिता की शहादत को हमेशा के लिए जिंदा रखन के लिए स्कूल का नाम उनके नाम पर रखा गया है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सेना, पुलिस, अर्धसैनिकबल और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस अवसर पर स्कूल के छात्रों ने रंगांरग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।

शहीद नजीर अहमद के नाम पर भी रखा जा चुका स्कूल का नाम : इससे पूर्व 20 जून 2019 को सेना ने दक्षिण कश्मीर के वुजुर, काजीगुंड स्थित आर्मी गुडविल स्कूल का नाम शहीद लांस नायक नजीर अहमद वानी के नाम पर रखा था। शहीद लांस नायक नजीर अहमद को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।  


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