Jammu Kashmir: घर बनाने के लिए अब दो लाख और ब्याज मुक्त लोन देगी सरकार
वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद ने प्रदेश में 10 एएनएम (आग्जिलरी नर्सिंग मिडवाइफर) जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) स्कूलों और पांच नर्सिंग कालेजों के लिए 119 पदों को सृजित करने को मंजूरी दी है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी’ का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इसके लिए प्रशासनिक परिषद ने दो लाख और ब्याज मुक्त लोन देने को मंजूरी दे दी है। यह लोन उन लोगों को मिलेगा, जिनके पास अपना घर नहीं है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में रविवार को हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई।
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लाभार्थियों को पहले 1.66 लाख रुपये का ब्याज मुक्त लोन दिया गया था, लेकिन इस राशि से आवास का निर्माण कर पाना मुश्किल है। लाभार्थियों ने सहायता राशि बढ़ाने की मांग की थी, ताकि अपने घरों का निर्माण कर सकें। प्रशासन ने इन दिक्कतों को देखते हुए सभी योग्य लाभार्थियों को दो लाख और ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध करवाने को मंजूरी दे दी। यह राशि पहले से जारी की गई सहायता के अतिरिक्त होगी। अब लाभार्थियों को 3.66 लाख रुपये लोन दिया जाएगा। इससे पहले प्रशासन ने लाभार्थियों को 25 फीसद अग्रिम राशि दी थी, ताकि वे आवास का काम शुरू करवा सकें।
10 साल में वापस करनी है राशि: इस ब्याज मुक्त लोन को वापस करने का समय 10 साल निर्धारित किया गया है। छह महीने का अतिरिक्त समय भी होगा। इसमें हर लाभार्थी को महीने में 2500 रुपये किस्त देनी होगी। मौजूदा समय मेें इस योजना से 41,992 लोगों को लाभ हो रहा है। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2022 तक सभी के पास अपने घर का सपना साकार करना है।
नर्सिंग के 15 स्कूल-कालेजों के लिए 119 पद सृजित: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद ने प्रदेश में 10 एएनएम (आग्जिलरी नर्सिंग मिडवाइफर), जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) स्कूलों और पांच नर्सिंग कालेजों के लिए 119 पदों को सृजित करने को मंजूरी दी है। इसका मकसद इन सभी स्कूलों और नर्सिंग कालेजों को पूरी तरह से सुचारू बनाना है। यह पद अकादमिक और प्रशासनिक होंगे। छह एएनएम स्कूल भद्रवाह, बिलावर, थन्नामंडी, सुरनकोट, अनतंनाग और कोकरनाग में हैं। चार जीएनएम स्कूल डोडा, कठुआ, राजौरी और गांदरबल में हैं। इसके अलावा पांच नर्सिंग कालेज भी हैं। इस फैसल से पैरामेडिकल कोर्सों में शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा। इस समय स्थित नर्सिंग और जीएनएम स्कूलों में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है।