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Jammu Kashmir: अब हफ्ते में दो दिन जनता के बीच पहुंचेंगे डीसी, मौके पर करेंगे समस्याओं का समाधान

डिप्टी कमिश्नर को इसके लिए अपने स्तर पर कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इन जनता दरबार के दौरान क्षेत्र के पंच-सरपंच बीडीसी व डीडीसी सदस्य भी मौजूद रहेंगे और सभी डिप्टी कमिश्नरों को इन जन-प्रतिनिधियों के साथ मिलकर समस्याओं का निवारण करने के निर्देश दिए गए है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 01:03 PM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 01:03 PM (IST)
Jammu Kashmir: अब हफ्ते में दो दिन जनता के बीच पहुंचेंगे डीसी, मौके पर करेंगे समस्याओं का समाधान
प्रशासनिक सचिव इन दो दिनों में ऐसी कोई भी बैठक आयाेजित नहीं करेंगे जिनमें डिप्टी कमिश्नर की मौजूदगी अनिवार्य हो।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक कामकाज को और बेहतर बनाने, सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने तथा लोगों की समस्याओं व उन्हें बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का उद्देश्य लेकर हर जिले के डिप्टी कमिश्नर अब हफ्ते में दो दिन जनता दरबार लगाएंगे। उपराज्यपाल प्रशासन ने सभी बीस जिलों के डिप्टी कमिश्नर को हफ्ते में दो दिन लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनने व उनका मौके पर समाधान करने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए है।

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प्रशासनिक आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की ओर से इस संदर्भ में एक सर्कुलर जारी कर सभी डिप्टी कमिश्नर को हर बुधवार व शनिवार को यह जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया है। सर्कुलर में कहा गया है कि प्रत्येक जिले के डिप्टी कमिश्नर बुधवार व शनिवार को जनता के बीच जाएंगे, विशेष तौर पर दूर-दराज क्षेत्रों का दौरा करेंगे और क्षेत्रीय लोगों के साथ मिलकर उन क्षेत्रों में जारी सरकारी कार्याें की समीक्षा करने के साथ लोगों की समस्याओं को सुनेंगे।

सर्कुलर में कहा गया है कि डिप्टी कमिश्नर यह दो दिन जनता के बीच गुजारेंगे और जमीनी स्तर पर लोगों की परेशानियों को जानने का प्रयास करेंगे। सर्कुलर में सभी डिप्टी कमिश्नर को इसके लिए अपने स्तर पर कैलेंडर तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इन जनता दरबार के दौरान क्षेत्र के पंच-सरपंच, बीडीसी व डीडीसी सदस्य भी मौजूद रहेंगे और सभी डिप्टी कमिश्नरों को इन जन-प्रतिनिधियों के साथ मिलकर लोगों की समस्याओं का निवारण करने के निर्देश दिए गए है।

सभी डिप्टी कमिश्नर को यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सभी डिप्टी कमिश्नरों को अपने इन दौरों की तीमाही रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा सर्कुलर में कहा गया है कि कोई भी प्रशासनिक सचिव इन दो दिनों में ऐसी कोई भी बैठक आयाेजित नहीं करेंगे जिनमें डिप्टी कमिश्नर की मौजूदगी अनिवार्य हो। 


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