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India China Border : थ्री इडियट्स वाले रैंचो का कमाल, एलएसी पर अब सौर ऊर्जा घरों में रहेंगे जवान

फिलहाल सैन्य जवानों को यह रिहायशी मकान चुशुल व अन्य अग्रिम इलाकों में उपलब्ध कराए गए हैं। सैन्य सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द इसी प्रणाली से लैस टेंट भारतीय जवानों को गलवान वैली में भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 02:39 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 02:58 PM (IST)
India China Border : थ्री इडियट्स वाले रैंचो का कमाल, एलएसी पर अब सौर ऊर्जा घरों में रहेंगे जवान
इन घरों में रह रहे जवानों को 15 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान मिल रहा है।

श्रीनगर, जेएनएन : बर्फीले रेेगिस्तान कहे जाने वाले लद्​दाख में सर्दियों में खून जमाने वाली ठंड में भी देश की सरहदों की रक्षा में तैनात जवान अब सौर ऊर्जा घरों में रहेंगे। फिलहाल सैन्य जवानों को यह रिहायशी मकान चुशुल व अन्य अग्रिम इलाकों में उपलब्ध कराए गए हैं। सैन्य सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द इसी प्रणाली से लैस टेंट भारतीय जवानों को गलवान वैली में भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि चुशुल व अन्य अग्रिम इलाकों में माइनस 20 डिग्री सेल्सियस वाली ठंड के बीच इन घरों में रह रहे जवानों को 15 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान मिल रहा है।

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सोनम ने इन घरों को सेना को सौंपते हुए खुशी जाहिर करते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि मेरे भाइयों अब और दर्द बर्दाश्त नहीं करना पड़ेगा। सौर ऊर्जा युक्त ये घरों के होते अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। अब न आग लगने का खतरा, न बिजली गुल होने की संभावना, प्रदूषण का भी नाम नहीं। भारतीय जवानों के लिए उनके द्वारा बनाए गए सोलर हीटेड इंसुलेटेड लद्दाखी (SHILA) शेल्टर ऐसा दोबारा कभी नहीं होने देंगे। उन्होंने इन घरों की कुछ तस्वीरें भी साझा की।

एक सैन्य अधिकारी ने इन घरों की खास बातें साझा करते हुए बताया कि इन घरों को इस ढंग से बनाया गया है कि इन पर पड़ने वाली सूरज की किरणें वापस बाहर नहीं जाती। रात में जब तापमान माइनस तक चला जाएगा, भीतर का तापमान 15 डिग्री ही रहेगा। यानी दिन भर में इकट्ठा की गई सूरज की किरणों रात भर भीतरी हिस्सों काे गर्म रखेंगी।

आपको बता दें कि वैज्ञानिक सोनम वांगचुक लगातार इनोवेशन पर काम करते रहते हैं। उन्हें उनके आइस स्तूप के लिए भी जाना जाता है। उनके इस आविष्कार को लद्दाख में सबसे कारगर माना जाता है। स्‍टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्‍चरल मूवमेंट्स ऑफ लद्दाख का केंद्र बिंदु है। लद्दाख में शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए वांगचुक का यह आविष्कार क्रांतिकारी कदम माना जाता है।


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