Coronavirus: अब जानवरों को भी जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने से पहले होना पड़ेगा क्वारंटाइन
यह आदेश भी दिया गया है कि पशु चिकित्स क्वारंटाइन केंद्रों में रखे गए पशुओं की निगरानी करें। इसके अलावा पशुओं खरीदने वाले व बेचने वाले की जानकारी भी जुटाई जाएगी।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रदेश के बाहर से दुधारू पशुओं को लाने वाले किसानों के लिए रोग मुक्त पशु सुनिश्चित करने के लिए राज्य में प्रवेश करने के बाद उन्हें जांच प्रक्रिया पूरी होने तक क्वारंटाइन करने का फैसला किया है। पशु एवं भेड़ पालन विभाग ने इस पर कवायद भी शुरू कर दी है।
दरअसल सरकार ने पशुओं की खरीद पर किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दुधारू पशुओं की प्रवेश में मांग बढ़ गई है। आपको जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर प्रदेश सरकार ने हाल ही में ’एकीकृत डेयरी विकास योजना’ शुरू की है। यह योजना जम्मू-कश्मीर में डेयरी इकाइयों की स्थापना की सुविधा देती है। डेयरी इकाइयां चलाने वाले किसान अकसर पंजाब सहित अन्य पड़ोसी राज्यों से दुधारू पशुओं की खरीद करते हैं। प्रदेश में दुग्ध उत्पाद को बढ़ावा देने के इरादे से ही सरकार ने अन्य राज्यों से पशुओं की खरीददारी करने वाले किसानों को जानवरों की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की है।
सरकार का कहना है कि योजना के लागू होने के बाद बाहरी राज्यों से जम्मू और कश्मीर में डेयरी पशुओं का अत्यधिक प्रवाह हुआ है। ऐसे में सरकार ने कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में रोग मुक्त जानवरों के प्रवेश को सुनिश्चित बनाने के लिए ये उपाय किए हैं।पशु और भेड़पालन विभाग के कमिश्नर सेक्रेटरी नवीन कुमार चौधरी ने आदेश दिया है कि अन्य राज्यों से आयात किए गए डेयरी पशुओं को उनके आगमन पर क्वारंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा।
यह आदेश भी दिया गया है कि पशु चिकित्स क्वारंटाइन केंद्रों में रखे गए पशुओं की निगरानी करें। इसके अलावा पशुओं खरीदने वाले व बेचने वाले की जानकारी भी जुटाई जाएगी। कहीं वे तो कभी संक्रमित नहीं हुए थे।
नियमानुसार पंजाब या फिर दूसरे राज्य से पशु खरीदने की इच्छा रखने वाले किसान को लखनपुर पशु पालन पोस्ट लखनपुर पर पशु व परिवहन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। अनुमति मिलने पर किसान पशुओं की खरीद करेगा और वापस आने पर उन्हें लखनपुर में पशु पालन विभाग द्वारा बनाए गए विशेष बाड़े में रोग की निगरानी और स्वास्थ्य प्रोफाइल के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद पशुओं को किसान को सौंप दिया जाएगा।
सरकार ने कहा कि डेयरी पशुओं को किसान को सौंपते समय एक फिटनेस प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। कमिश्नर सेक्रेटरी ने इस बात का आश्वासन दिया कि जानवरों की टैगिंग, टीकाकरण और फिटनेस प्रमाणपत्र कम से कम समय में किसानों को मुहैया कराया जाएगा। चौधरी ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया के कारण किसानों को ट्रांसपोटेशन को लेकर परेशानी न आए इसके लिए भी कुछ नियम लागू किए गए हैं। उन्होंने संबंधित विभाग से इन नियमों को सख्ती से लागू करने की हिदायत देते हुए डेयरी पशुओं की अवैध तस्करी न हो इसको लेकर भी कड़ाई बरतने के लिए कहा।