Jammu: लॉकडाउन खुलते ही छंटने लगी बाजारों से भीड़, स्थिति सामान्य होती दिख रही
चैंबर ने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी को पत्र खिलकर मांग की है कि होटल-रेस्तरां को 50 फीसद क्षमता के साथ रात दस बजे तक खोलने की अनुमति दी जाए और इसी तरह बैंक्वेट हाल वालों को भी कामकाज शुरू करने की अनुमति दी जाए।
जम्मू, जागरण संवाददाता: लॉकडाउन खुलने के बाद शहर के जिन बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ रही थी, उन बाजारों में भीड़ अब धीरे-धीरे छंटने लगी है। लॉकडाउन खुलने के बाद सबसे अधिक भीड़ गैर जरूरी सामान की दुकानों पर देखी गई थी क्योंकि ये दुकानें लंबे समय से बंद थी। ऐसे में लोग लॉकडाउन खुलते ही खरीदारी के लिए उमड़ पड़े लेकिन अब धीरे-धीरे इन बाजारों में भीड़ कम होना शुरू हो रही है।
अब चूंकि शहर के सभी बाजार रोजाना सुबह से लेकर शाम सात बजे तक खुले रहते हैं, लिहाजा खरीदारी अपनी सुविधा अनुसार बाजार जाकर खरीदारी कर रहे हैं। दोपहर के समय गर्मी अधिक होने के कारण खरीदार कम ही नजर आते है। सुबह व शाम के समय बाजारों में ग्राहकों की चहल-पहल नजर आ रही है जिससे स्थिति सामान्य होती दिख रही है।
पेट्रोल-डीजल से रसोई में लगी आग: पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों में से आम आदमी का बजट तो लड़खड़ा ही गया था, अब इसका असर रसोई घर पर भी पड़ रहा है। डीजल के दाम बढ़ने से ढुलाई खर्च बढ़ गया है जिससे अधिकांश खाद्य वस्तुओं के दाम 10 से 15 फीसद तक बढ़ गए हैं। डीजल के दाम बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्टरों ने किराया बढ़ा दिया है जिसका असर अब हर चीज पर पड़ रहा है। खाद्य तेल के दाम में पहले से ही तेजी चल रही थी और अब आटा-चावल, मिर्च-मसालों व अन्य वस्तुओं पर भी इसका असर पड़ने लगा है। इन वस्तुओं के दाम पिछले एक माह में 15 फीसद तक बढ़ गए है जिससे हर गृहिणी की रसोई का बजट लड़खड़ा गया है। डीजल के दामों में लगातार वृद्धि से गैर-जरूरी चीजों के दामों पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है। ढुलाई खर्च बढ़ने से औद्योगिक उत्पादों से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं।
आर्थिक पैकेज का इंतजार: कोरोना महामारी झेल रहा उद्योग व व्यापार जगत अब सरकार की ओर से आर्थिक सहयोग के लिए नजरें लगाए बैठा है। पिछले साल कोरोना महामारी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने 1350 रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया था जिससे उद्योग व व्यापार जगत को काफी राहत मिली थी। सरकार ने आर्थिक पैकेज के तहत रेहड़ी वालों से लेकर कलाकारों तक को आर्थिक सहयोग दिया लेकिन इस बार अभी तक सरकार की तरफ ऐसे किसी पैकेज की घोषणा का संकेत नहीं मिला है। ऐसे में उद्योगपतियों व व्यापारियों की मांग है कि कम से कम उन्हें पिछले दो महीने का बिजली बिल और बैंक कर्ज के ब्याज में छूट दी जाए और जेडीए, जम्मू नगरनिगम, हाउसिंग बोर्ड के जो दुकानें व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान है, उनका दो महीने का किराया माफ किया जाए ताकि दुकानदारों को कुछ राहत मिल सके। अब देखना यह है कि सरकार इन मांगों पर गौर करती है या नहीं।
रेस्तरां खोलने का दबाव बना रहा चैंबर: चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू ने शहर के होटल-रेस्तरां व क्लब खोलने के लिए सरकार पर लगातार दबाव बनाना शुरू कर दिया है। चैंबर ने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी को पत्र खिलकर मांग की है कि होटल-रेस्तरां को 50 फीसद क्षमता के साथ रात दस बजे तक खोलने की अनुमति दी जाए और इसी तरह बैंक्वेट हाल वालों को भी कामकाज शुरू करने की अनुमति दी जाए। चैंबर ने अपने इस पत्र में शहर के जिम खोलने की भी वकालत करते हुए कहा है कि यह कसरत स्थल है और यहां जाकर लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और इन्हें बंद रखने का कोई तुक नहीं बनता। चैंबर की इस मांग के अलावा गांधी नगर हाईवे पर लगने वाली करीब 250 रेहड़ियां भी करीब दो महीने से बंद पड़ी है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि अब सबके लिए एसओपी निर्धारित करते हुए कामकाज करने की अनुमति दी जाए।