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Jammu Kashmir: बिजली कटौती पर प्रदेश प्रशासन की आलोचना करने पर वनकर्मी को नोटिस, उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन को लताड़ा

वन विभाग में हेड असिस्टेंट रेंक के एक अधिकारी ने गत दिनों घाटी में बिजली की मौजूदा स्थिति को लेकर फेसबुक पर वीडियो अपलोड किया था। इसमें उसने बिजली कटौती और इससे बच्चों की आनलाइन पढ़ाई पर होने वाले असर का उल्लेख करते हुए प्रशासन की निंदा की है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:18 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:18 AM (IST)
Jammu Kashmir: बिजली कटौती पर प्रदेश प्रशासन की आलोचना करने पर वनकर्मी को नोटिस, उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन को लताड़ा
यह आचरण जम्मू कश्मीर सरकारी कर्मचारी आचार संहिता नियम 1971 के अनुच्छेद 18 के खिलाफ है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : इंटरेनट मीडिया पर जम्मू कश्मीर प्रशासन की आलोचना करना एक कर्मचारी को महंगा पड़ गया। प्रदेश प्रशासन ने कश्मीर में सर्दियों के दौरान बिजली कटौती और अनियमित आपूर्ति से बच्चों की आनलाइन पढ़ाई पर होने वाले दुष्प्रभाव के लिए बिजली विभाग की आलोचना करने पर एक वनकर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। वनकर्मी को तीन दिन के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।

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वन विभाग में हेड असिस्टेंट रेंक के एक अधिकारी ने गत दिनों घाटी में बिजली की मौजूदा स्थिति को लेकर फेसबुक पर वीडियो अपलोड किया था। इसमें उसने बिजली कटौती और इससे बच्चों की आनलाइन पढ़ाई पर होने वाले असर का उल्लेख करते हुए, बिजली किराया बढ़ाए जाने पर प्रशासन की निंदा की है। इसका संज्ञान लेते हुए प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर फारेस्ट और फारेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स के कार्यालय से उक्त कर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें उक्त कर्मी को कहा कि आपने बिजली कटौती और कमी से बच्चों की आनलाइन पढ़ाई न होने पर प्रशासन की आलोचना की है। आपका यह आचरण जम्मू कश्मीर सरकारी कर्मचारी आचार संहिता नियम 1971 के अनुच्छेद 18 के खिलाफ है।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने विभिन्न सरकारी अधिकारियों व कर्मियों द्वारा इंटरनेट मीडिया पर तथाकथित तौर अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करने का नोटिस लेते हुए इस वर्ष की शुरुआत में सभी अधिकारियों व कर्मियों के इंटरनेट मीडिया एकाउंटस की जानकारी तलब की थी। सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को नीतिगत मामलों, राष्ट्रीय एकता व अखंडता से जुड़े मुद्दों पर इंटरनेट मीडिया पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करने से कथित तौर मना किया है। प्रदेश सरकार ने बीते एक साल के दौरान करीब 55 सरकारी अधिकारियों और कर्मियों को सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन करने पर सेवामुक्त किया है।

उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन को घेरा :

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर हैंडल पर प्रदेश सरकार को लताड़ा है। उन्होंने लिखा है कि नया जम्मू कश्मीर में बिजली आपूर्ति को लेकर सच्चाई बयान करना भी एक दंडनीय अपराध हो गया है।  


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