Waqf Board की 800 कनाल जमीन पर कब्जे को लेकर केंद्र व Jammu Kashmir सरकार को नोटिस जारी
सांबा जिले में वक्फ की 800 कनाल जमीन पर कब्जे को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर गौर करने के बाद केंद्र व प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
जम्मू जागरण संवाददाता । सांबा जिले में वक्फ की 800 कनाल जमीन पर कब्जे को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर गौर करने के बाद केंद्र व प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का निर्देश दिया है। शमसदीन निवासी स्मैलपुर बड़ी ब्राह्मणा की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के कई सरकारी विभागों ने भी सांबा जिले में वक्फ की जमीन पर कब्जा कर रखा है, लिहाजा सरकार को यह जमीन खाली करवाने का निर्देश दिया जाए। हाईकोर्ट ने इस पर रक्षा मंत्रालय के सचिव, जम्मू-कश्मीर के औकाफ विभाग के आयुक्त सचिव, जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर, सांबा के डिप्टी कमिश्नर व एसएसपी सांबा समेत अन्य को नोटिस जारी किया है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई मामले की सुनवाई के दौरान याची की ओर से बताया गया कि सांबा जिले में स्कूल शिक्षा विभाग ने वक्फ की 40 कनाल 14 मरला, स्कॉस्ट जम्मू ने सात कनाल तीन मरला, स्वास्थ्य विभाग ने छह कनाल, पीडब्ल्यूडी विभाग ने 17 कनाल 15 मरला, पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने दो कनाल 18 मरला, पीएचई विभाग ने नौ कनाल 12 मरला, ग्रामीण विकास विभाग ने एक कनाल, जिला सैनिक वेलफेयर बोर्ड सांबा ने 16 कनाल, उत्तर रेलवे ने पांच कनाल 13 मरला और वन विभाग ने 37 कनाल 19 मरला जमीन पर कब्जा कर रखा है।
याची ने कहा कि सांबा जिले के स्मैलपुर गांव में वक्फ की 97 कनाल चार मरला जमीन पर कब्रिस्तान है और पांच अगस्त 2020 को कुछ असामाजिक तत्वों ने इस कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया और दिन-रात निर्माण शुरू कर दिया। उन्होंने इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई लेकिन मामले की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। याचिका में इस मामले में एसएसपी सांबा को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग भी की गई। याचिका में आगे कहा गया कि सांबा जिले में वक्फ की जमीन पर कब्जा करना आम होता जा रहा है और न सिर्फ सरकारी विभाग, बल्कि भू-माफिया भी लगातार जमीन पर कब्जा कर रहा है। याचिका में कहा गया कि जिले में अभी तक वक्फ की 800 कनाल जमीन पर कब्जा किया जा चुका है, जिसे खाली करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को उचित दिशानिर्देश दिए जाने चाहिए।