उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे सर्पदंश के मरीज
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : उपजिला अस्पताल में सर्पदंश के उपचार का अभाव है। वर्षो से पहले उ
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : उपजिला अस्पताल में सर्पदंश के उपचार का अभाव है। वर्षो से पहले उप जिला का दर्जा मिलने के बाद भी आज भी आरएसपुरा के सरकारी अस्पताल में सर्पदंश का पूरा उपचार नहीं उपलब्ध है। ऐसे में विभाग की लापरवाही के चलते सर्पदंश के मरीज की जान को जोखिम में डाला जा रहा है। कितनी ही बार उपचार के अभाव में कई लोग अभी तक दम तोड़ चुके हैं।
बुधवार को भी सीमांत गांव कोरोटाना कलां निवासी रोमेश लाल का सर्पदंश का उपचार न मिलने से मृत्यु हो गई। उल्लेखनीय है कि गर्मी व बरसात का मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में इसके उपचार के लिए उपजिला अस्पताल में पूरा बंदोबस्त होना चाहिए पर अस्पताल प्रबंधन के अनुसार उपजिला अस्पताल में मात्र ऐसे मरीजों को प्राथमिक उपचार ही उपलब्ध है। इसके बाद उसे अगले उपचार के लिए जिला अस्पताल में भेजा जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दशकों पूर्व उपजिला अस्पताल का दर्जा देने के साथ सरकार को इसमें सभी सुविधाएं भी देनी चाहिए। उनका कहना है कि गर्मी व बारिश के मौसम में सर्पदंश की अधिकांश घटनाएं गांवों में होती हैं। गांवों में बारिश के दिनों में खेत खलिहानों में सर्पदंश के कई मामले सामने आते हैं। इलाज की सही उचित व्यवस्था शहरों में हैं। जिला अस्पताल में तो पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक बाइट इंजेक्शन हैं, लेकिन उपजिला स्तर पर अस्पतालों में यह सुविधा नाम मात्र को ही देखने को मिलती है। गांवों के स्वास्थ्य केंद्रों पर तो एंटी स्नेक इंजेक्शन उपलब्ध ही नहीं है। कांग्रेस व किसान नेता चौ. मोहन ¨सह का कहना है कि सरकारी अस्पताल में व विशेषता सीमांत क्षेत्र से संबंध रखने वाले आरएसपुरा अस्पताल में सर्पदंश का उपचार पूरी तरह से उपलब्ध होना चाहिए। प्रति वर्ष गर्मी व बरसात में इसका पूरा उपचार उपलब्ध न होने से लोगों की जान जाती है। पर बावजूद इसके इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसको लेकर उचित कदम उठाने चाहिए।
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उप जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार उपलब्ध है। उसके बाद उसको जम्मू जिला अस्पताल में भेजा जाता है। जहां जो भी उपचार उपलब्ध है वह मरीज को समय पर दे दिया जाता है।
-डॉ.सतीश कुमार, ब्लॉक, मेडिकल आफिसर।