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डीडीसी चुनाव में किसी ने नाम वापस नहीं लिया, सातों महिला उम्मीदवार मैदान में डटीं

संवाद सहयोगी मीरां साहिब जिला विकास परिषद की मीरां साहिब ब्लॉक सीट के लिए वीरवार को

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 06:00 AM (IST)
डीडीसी चुनाव में किसी ने नाम वापस नहीं लिया, सातों महिला उम्मीदवार मैदान में डटीं
डीडीसी चुनाव में किसी ने नाम वापस नहीं लिया, सातों महिला उम्मीदवार मैदान में डटीं

संवाद सहयोगी, मीरां साहिब: जिला विकास परिषद की मीरां साहिब ब्लॉक सीट के लिए वीरवार को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख थी, लेकिन किसी भी उम्मीदवार ने अपना नाम वापस नहीं लिया। ऐसे में अब एससी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित इस सीट पर दो आजाद उम्मीदवारों सहित कुल सात उम्मीदवार मैदान में डट गए हैं। दो आजाद उम्मीदवारों सहित भाजपा नेशनल काफ्रेंस, पैंथर्स पार्टी, कांग्रेस पार्टी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी की महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में डट गए हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि कोई न कोई उम्मीदवार अंतिम दिन अपना नाम वापस ले लेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ, ऐसे में अब सात महिला उम्मीदवार मतदाताओं के पास जाकर अपने अपने प्रचार में जुट गई हैं। 10 दिसंबर को ही मतदाता अपना फैसला सुनाएंगे कि उन्होंने आखिर किस उम्मीदवार को वोट देकर क्षेत्र के विकास के लिए चुना है। गौरतलब है कि मीरां साहिब ब्लॉक में 10 दिसंबर को पांचवें चरण के तहत मतदान होगा। ब्लॉक कार्यालय में तैनात रिटर्निंग अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि वीरवार को उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की अंतिम तिथि थी, लेकिन तीन बजे आखिरी समय तक किसी भी उम्मीदवार ने अपना नाम वापस नहीं लिया।

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चुनाव आते ही खस्ताहाल सड़क की आई याद

संवाद सहयोगी, मीरां साहिब: मरालियां गांव डाक बंगला के पास करीब आधा किलोमीटर खस्ताहाल सड़क के लिए लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए। सरकार से सड़क को पक्का करने की मांग की, मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। क्षेत्र के लोगों और समाज सेवक लवली शर्मा, रिटायर्ड मास्टर बरिता राम, अशोक कुमार और प्रवीण कुमार का मानना है कि अब डीडीसी चुनाव का समय आने पर मतदाता नाराज नहीं हों इसलिए अब इस खस्ताहाल सड़क पर कंकड़ पत्थर डालकर मार्ग को समतल करने का काम शुरू किया गया है। क्षेत्र के लोगों के अनुसार उक्त सड़क को ठेकेदार द्वारा आधी सड़क पर ही तारकोल डालकर बाकी का काम अधूरा छोड़ दिया गया था। इसी समस्या को लेकर क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ कई बार विरोध प्रदर्शन किए और कहा था कि अगर मार्ग की हालत ठीक नहीं हुई तो वह डीडीसी चुनाव का बहिष्कार करेंगे जिसके चलते अब एकाएक सड़क को फिर से ठीक करने का काम लग पड़ा है। इसे मतदाता अपनी जीत ही मानेंगे की उनके बोट की ही यह ताकत का कमाल है कि वोटिग से पहले पहले मार्ग की सुनवाई होने जा रही है। लोगों के अनुसार आसपास की सभी लिक सड़कें पक्की हो चुकी थी केवल उनकी इस आधा किलोमीटर सड़क की ही कहीं पर सुनवाई नहीं हो रही थी, जिसके चलते लोग काफी परेशान थे। अब अगर सड़क को ठीक करने का काम शुरू किया गया है तो उनकी प्रशासन से मांग है कि केवल मार्ग को ही समतल नहीं किया जाए। इस पर तारकोल डालकर इसे पूरी तरह से पक्का भी किया जाना चाहिए।


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