Move to Jagran APP

अब कश्मीर में बारूद की गंध नहीं, महकेगी ट्यूलिप की सुगंध, ट्यूलिप गार्डन में निकलने लगी फूलों की नई कोंपलें

विश्व प्रसिद्ध डल झील व जबरवन पहाड़ी की तलहटी में आबाद एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन पर्यटकों को बिल्कुल नए और अनूठे अंदाज में दिखेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 11:01 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 11:01 AM (IST)
अब कश्मीर में बारूद  की गंध नहीं, महकेगी ट्यूलिप की सुगंध,  ट्यूलिप गार्डन में निकलने लगी फूलों की नई कोंपलें
अब कश्मीर में बारूद की गंध नहीं, महकेगी ट्यूलिप की सुगंध, ट्यूलिप गार्डन में निकलने लगी फूलों की नई कोंपलें

श्रीनगर, संवाद सहयोगी । अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर में बहार भी बदलने को तैयार है। जहां पहले बम धमाकों के बाद जलने की गंध उठती थी, वहां अब फूलों की खुशबू महकेगी। बस कुछ दिन और इंतजार करना होगा, फिर कश्मीर ट्यूलिप की खुशबू से सुगंधित हो उठेगा। विश्व प्रसिद्ध डल झील व जबरवन पहाड़ी की तलहटी में आबाद एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन पर्यटकों को बिल्कुल नए और अनूठे अंदाज में दिखेगा। खास बात यह है कि इस बार गार्डन को हॉलैंड के कोकनहाफ गार्डन के तर्ज पर सजाया गया है। इसके अलावा चार नई प्रजातियां भी इसमें शामिल की गई हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह में गार्डन पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

loksabha election banner

ट्यूलिप गार्डन में असिस्टेंट फ्लोरिकल्चर ऑफिसर, शेख अल्ताफ अहमद ने कहते हैं कि गार्डन की साफ सफाई शुरू हो गई है। बर्फ के नीचे दबी ट्यूलिप की कई प्रजातियों में प्रमुख परेड, गोल्डन परेड, एडिरम और लारगो शामिल की कोंपलें निकलने शुरू हो गई हैं। अगर मौसम और तापमान अनुकूल रहा तो अगले चंद दिनों में ट्यूलिप खिलना शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि गार्डन को सजाने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस बार गार्डन में कई बदलाव किए गए हैं। कई नई चीजों को इसमें जोड़ा गया है। गार्डन के दूसरे टेरिस पर भी वाटर चैनल के क्षेत्र बढ़ाया गया है।

शेख अल्ताफ अहमद ने कहा कि इस बार एमेस्टरडम और हॉलैंड के कूकुनहाफ गार्डन की तर्ज पर बाग के एक बड़े क्षेत्र पर लगे ट्यूलिप की कियारियों को लहराती हुए आकृति दी गई है जो पर्यटकों को लुभाएंगी। इसके अलावा गार्डन में ट्यूलिप की चार नई प्रजातियों जिनमें पीले रंग की बिग स्माइल नामक प्रजाति भी शामिल है, की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व गार्डन में ट्यूलिप की 51 प्रजातियों के साढ़े बारह लाख ट्यूलिप के फूल अपनी बहार दिखाया करते थे, लेकिन अब 55 प्रजातियों के साथ 13 लाख ट्यूलिप की सतरंगी बहार का आनंद लेंगे। अहमद ने कहा कि इस वर्ष भी ट्यूलिप फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है और 25 फरवरी को इसको लेकर बैठक में फैसला लिया जाएगा। गार्डन मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में खोला जाएगा।

2007 में शुरू हुआ था ट्यूलिप गार्डन

वर्ष 2007 में श्रीनगर में डल झील के किनारे बजरवन तलहटी पर आबाद 30 हैक्टेयर क्षेत्र में फैला एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन लोगों को समर्पित किया गया था। तब से लगातार विश्व प्रसिद्ध डल झील और गुलमर्ग के साथ साथ ट्यूलिप गार्डन वादी में आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। हालंकि ट्यूलिप की शार्ट लाइफ के कारण यह गार्डन संक्षिप्त समय यानी एक से डेढ महीना के लिए ही खुला रहता है। मगर इतने समय में अंतराल में ही इस गार्डन के मनोहारी दृश्य का नजारा लेने पहुंचते हैं। बीते वर्ष डेढ महीने में करीब 1.80 लाख पर्यटक गार्डन देखने पहुंचे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.