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Jammu Kashmir: जर्मनी से नौ और आक्सीजन जेनरेशन प्लांट जम्मू-कश्मीर पहुंचे

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह उनके प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है कि यूरोप से 16 आक्सीजन जेनरेशन प्लांट जम्मू-कश्मीर में लाए जा सके हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 07:39 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 07:47 AM (IST)
Jammu Kashmir: जर्मनी से नौ और आक्सीजन जेनरेशन प्लांट जम्मू-कश्मीर पहुंचे
नौ और प्लांट लगने से जम्मू-कश्मीर में साठ हजार लीटर प्रति मिनट की आक्सीजन की क्षमता हो जाएगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर सरकार को नौ और मेडिकल आक्सीजन जेनरेशन प्लांट मिले है। ये प्लांट श्रीनगर एयरपोर्ट पर पहुंच गए। इनका निर्माण यूरोप में हुआ है। भारतीय वायु सेना ने इन्हें फ्रैंकफर्ट जर्मनी से अपने सी-17 कारगो जहाज में लाया। इससे पहले 17 मई को जर्मनी से सात आक्सीजन जेनरेशन प्लांट लाए गए थे।

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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि यह उनके प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है कि यूरोप से 16 आक्सीजन जेनरेशन प्लांट जम्मू-कश्मीर में लाए जा सके हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया।

हमारा प्रयास इस तरह का है कि अगर भविष्य में भी कोई मेडिकल इमरजेंसी आती है तो उसका सफलता के साथ सामना किया जा सके। पूरे जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। इनमें से चार हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले पांच आक्सीजन जनेरेशन प्लांट कश्मीर में और 4400 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले चार प्लांट जम्मू के अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे।

इस समय जम्मू-कश्मीर में चालीस मेडिकल आक्सीजन जेरनेशन प्लांट काम कर रहे हैं। नौ और प्लांट लगने से जम्मू-कश्मीर में साठ हजार लीटर प्रति मिनट की आक्सीजन की क्षमता हो जाएगी।

विभागीय पदोन्नति के लिए हुई थी बैठक: स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा.रेनू शर्मा ने वित्तिय आयुक्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को लिखा है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए चार जून को एक बैठक बुलाई गई थी। इसमें प्रशासनिक विभाग की ओर से हेड असिस्टेंट से सेक्शन अधिकारी, सीनियर असिस्टेंट से हेड असिस्टेंट और जूनियर फार्मासिस्ट से सीनियर फार्मासिस्ट की को पदोन्नति के लिए मंजूरी दी गई थी। उन्होंने कहा कि 46 अलग अलग वगों के कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए आठ नवंबर 2020 को लिखा गया था लेकिन सिर्फ 16 वगों को ही मंजूरी दी गई थी। अन्य को छोड़ दिया गया था। इसीलिए कर्मचारियों की मांग जायज है।


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