Jammu Kashmir : निफ्ट कैंपस श्रीनगर मई 2022 तक बन कर तैयार हो जाएगा
बैठक को संबोधित करते हुए मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए निफ्ट को प्रमुख केंद्र बनाया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि निफ्ट श्रीनगर कैंपस में लैब संसाधन केंद्र डिजाइन स्टूडियो इंक्यूबेटर एम्पीथियेटर बनाया जा रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी श्रीनगर कैंपस का निर्माण कार्य मई, 2022 तक पूरा हो जाएगा। निफ्ट इंस्टीट्यूट 325.36 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। कैंपस 16.6 एकड़ भूमि पर बन कर तैयार हो रहा है जो देश के 17 कैंपस में से सबसे बढ़ा होगा। इसकी जानकारी मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता की अध्यक्षता में हुई निफ्ट की केंद्र शासित स्तरीय सलाहकार कमेटी की बैठक में दी गई।
बैठक को संबोधित करते हुए मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए निफ्ट को प्रमुख केंद्र बनाया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि निफ्ट श्रीनगर कैंपस में लैब, संसाधन केंद्र, डिजाइन स्टूडियो, इंक्यूबेटर, एम्पीथियेटर बनाया जा रहा है। ओमपोरा बड़गाम में हॉस्टल का निर्माण कार्य भी मई, 2022 में बन कर तैयार हो जाएगा। इस समय निफ्ट श्रीनगर के रंगरेट में सिडको इंडस्ट्रियल कांप्लेक्स में किराए की इमारत में चल रहा है। जैसे ही कैंपस का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तो सात विभागों के साथ पूरी क्षमता में काम करेगा।
तब करीब 700 विद्यार्थियों को दाखिला मिलेगा। जम्मू कश्मीर व लद्दाख के डोमिसाइल को 35 फीसद आरक्षण मिलेगा। मुख्य सचिव को बताया गया कि निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है। अकादमिक, प्रशासनिक ब्लाक, हॉस्टल, आडिटोरियम, इंक्यूबेशन सेंटर, कैंटीन ब्लाक अक्टूबर 2021 में इंस्टीट्यूट के हवाले कर दिए जाएंगे। शेष ढांचा मई 2022 तक पूरा हो जाएगा।
स्थानीय उत्पादों के निरंतर विकास व बेहतर डिजाइन और उचित ब्रांडिंग की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्य सचिव ने निफ्ट को स्थानीय कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों के साथ उद्देश्यपूर्ण जुड़ाव बनाने और उन्हें उद्योग और वाणिज्य विभाग से परामर्श के साथ वर्तमान बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित करने के लिए कहा। जम्मू-कश्मीर के पारंपरिक उत्पादों के पुनरुद्धार हेतु जम्मू-कश्मीर-विशिष्ट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया, जिसमें नमदा, पश्मीना, पेपरमाशी, टीला, रेशम और लकड़ी के शिल्प शामिल हैं।